शिमला: चुनावी साल में (Hiamachal Assembly Elections 2022) हिमाचल की सियासत शिक्षा के मुद्दे को लेकर चर्चित (education system in himachal) हो रही है. पहाड़ी प्रदेश में तीसरे विकल्प के तौर पर पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने हिमाचल सरकार को शिक्षा के दिल्ली मॉडल का ज्ञान दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने भी आम आदमी पार्टी को शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताओं का पाठ पढ़ाया है. ये तथ्य है कि हिमाचल प्रदेश साक्षरता के मामले में देश के कई राज्यों से इक्कीस है, लेकिन यह भी हकीकत है कि हिमाचल में दूरस्थ इलाकों के स्कूलों की दशा चिंताजनक है.
हिमाचल में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant in Government Schools in Himachal) और लाइब्रेरियन के 2 हजार से ज्यादा खाली पदों के मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार हिमाचल में शिक्षा को चुनावी मुद्दा बना रही है. आम आदमी पार्टी सरकार के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिमला में संवाद कार्यक्रम में एजुकेशन के दिल्ली मॉडल को साझा किया. वहीं, हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Himachal Education Minister Govind Singh Thakur) ने उल्टा आम आदमी पार्टी को पाठ पढ़ाया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताएं किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में दोनों दलों के दावों और प्रति दावों की पड़ताल जरूरी है.
हिमाचल में 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर: सबसे पहले हिमाचल के 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर (Literacy Rate in Himachal) के चमकदार आंकड़ों के पीछे की धुंधली तस्वीर देखते हैं. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.
प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा है. यह खुलासा खुद हिमाचल सरकार ने विधानसभा में किया था. विगत तीन साल के अंतराल में हिमाचल में कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.
हिमाचल के इन स्कूलों में शून्य नामांकन: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के गृह जिला बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और वर्तमान में मोदी सरकार में प्रभावशाली केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के गृह जिला हमीरपुर जिले के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.
जिला कांगड़ा के चार प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं और यहां स्कूल भवनों में ताला लटका है. इसी तरह किन्नौर के छह प्राइमरी स्कूल, लाहौल-स्पीति के सात व ऊना जिले के दो स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खाली पड़े हुए हैं. इस तरह सभी 27 प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन के कारण ताले में बंद (Zero enrollment in many schools in Himachal) हैं. बड़ी बात ये है कि तीन मिडल स्कूल भी इसी कैटेगरी में हैं. वहां भी कोई छात्र न होने के कारण भवन बिना प्रयोग के हैं. इनमें दो स्कूल हमीरपुर जिले के व एक स्कूल लाहौल-स्पीति जिले का है.
बिलासपुर जिले के बरठीं स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हॉस्टल के हॉल, बाथरूम, टॉयलेट्स व दो कमरों का सेट बिना प्रयोग के हैं. इसी प्रकार सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरमाणा के एक भवन के छह कमरे 15 साल से प्रयोग में नहीं हैं. कुल्लू के जगतसुख सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौ कमरों का भवन तीन साल से बिना प्रयोग के हैं. मंडी के द्रंग स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ओबीसी हॉस्टल के 24 कमरे 11 साल से बंद हैं और उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा है. सिरमौर के नौहराधार स्कूल हॉस्टल के 8 कमरे नौ साल से, सराहां स्कूल के हॉस्टल के भी आठ ही कमरे तीन साल से प्रयोग में नहीं हैं.
भाजपा का आम आदमी पार्टी पर पलटवार:आम आदमी पार्टी के हिमाचल में शिक्षा को बदहाल बताने वाले दावों पर भाजपा ने पलटवार किया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल (CM Jairam Thakur Political Advisor Trilok Jamwal) ने बताया कि शिक्षा मानकों के मामले में हिमाचल देश में दूसरे स्थान पर है जबकि दिल्ली ग्यारहवें स्थान पर है. उन्होंने कहा कि 2015 से 2021 तक, दिल्ली में 16 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली में कुल 1030 स्कूल हैं और इनमें 745 स्कूलों में प्रिंसिपल और 416 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल नहीं हैं. तथ्य यह है कि उनकी शिक्षा प्रणाली में 16834 पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नौवीं कक्षा में हर साल एक लाख से ज्यादा छात्र फेल होते हैं.
हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं:हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने तो आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि जयराम सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 8 हजार 412 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बलदेव तोमर ने कहा कि हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं के शुरू होने और छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी से 30 हजार से ज्यादा छात्रों को सीधा लाभ होगा और इस पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे.