शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने पुलिस भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले (police recruitment question paper leak case) में गिरफ्तार आरोपी रंजीत की याचिका को खारिज कर दिया है. बिहार के नालंदा निवासी रंजीत कुमार ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. इस मामले में सीआईडी की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में पुलिस जांच के बाद आरोपी को 2 अगस्त को सीआईडी ने गिरफ्तार किया था. आरोपी ने इस गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज किए जाने की गुहार लगाई थी.
इस मामले को न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रार्थी की दलीलों से असहमति जताते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी. प्रार्थी का कहना था कि पुलिस भर्ती में हुए प्रश्न पत्र लीक मामले में उसका कोई हाथ नहीं है. पहली प्राथमिकी में उसे गिरफ्तार करने के बाद अदालत द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया था तो उसे दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर फिर से गिरफ्तार करना गैरकानूनी है.
बता दें कि कांगड़ा पुलिस ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (police recruitment paper leak) में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ था कि इस मामले के तार प्रदेश के दूसरे जिलों से भी जुड़े हुए हैं. कांगड़ा पुलिस का दूसरे जिलों में क्षेत्राधिकार न होने के कारण यह मामला सीआईडी को भेजा गया क्योंकि सीआईडी का क्षेत्राधिकार पूरे प्रदेश में है. इसलिए सीआईडी की ओर से इस मामले में अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सीआईडी जांच (police recruitment paper leak in himachal) में सामने आया कि वर्मा निवास डाकघर मल्याणा जिला शिमला में रहने वाले ऋतिक ठाकुर ने पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया था. 26 मार्च को ऋतिक और उसकी मां चंडीगढ़ गए जहां उनकी मुलाकात सुनील और महेश ठाकुर से हुई. सुनील ने अपने व्हाट्सएप पर आए प्रश्न और उत्तर ऋतिक ठाकुर को पढ़ाते हुए कहा था कि प्रश्न अगले दिन होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा में आएंगे. ऋतिक ने पाया कि अगले दिन हुई परीक्षा में वही प्रश्न पूछे गए थे. पुलिस द्वारा सुनील को गिरफ्तार करने के पश्चात उसने बताया कि इस मामले का मास्टर माइंड रणजीत सिंह है और उसी ने उसके व्हाट्सएप पर पेपर भेजा था.
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