शिमला: सामरिक महत्व की अटल रोहतांग टनल के लोकार्पण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारो-इशारों में पूर्व सरकारों पर हमला किया. सीधे तौर पर उनका हमला यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल पर था. पीएम ने कहा कि पहले देश की सेनाओं की रक्षा जरूरतों को अनदेखा किया गया. पूर्व की सरकारों के समय कभी फाइल खोली जाती थी तो कभी फाइलों से खेला जाता था.
पीएम ने कहा कि चार दशक तक दौलत बेग ओल्डी एयर स्ट्रिप बंद रही. क्यों रही और इसके पीछे किसका दबाव था, इस पर बहुत कुछ कहा व लिखा जा चुका है. डीओबी एयर स्ट्रिप वायुसेना के प्रयासों से शुरू हुई. पीएम ने असम के बोगीमील पुल, कोसी महासेतू आदि परियोजनाओं का जिक्र किया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुई, लेकिन अब पूरी हुई हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले छह साल में खास तौर पर बार्डर एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर काम हुआ है. हिमालयी क्षेत्रों में चाहे हिमाचल हो या फिर जेएंडके, अरुणाचल प्रदेश या फिर सिक्किम अथवा उत्तराखंड, यहां दर्जनों सड़कों, पुलों का काम पूरा किया गया.
पीएम ने वन रैंक-वन पैंशन के मामले में भी यूपीए सरकार पर तंज कसा. पीएम ने कहा कि पूर्व सरकारें खाते में सिर्फ पांच सौ करोड़ रुपए दिखा कर वन रैंक वन पेंशन पर झांसा देते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं. मौजूदा सरकार ने एरियर के तौर पर ही 11 हजार करोड़ रुपए पूर्व सैनिकों को दिए.
देश की रक्षा से बड़ा कुछ नहीं
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि हम जो निर्णय लेते हैं, वो लागू करके दिखाते हैं. देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं. लेकिन भारत ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा जब रक्षा हितों के साथ समझौता होता रहा. वायुसेना आधुनिक लड़ाकू विमान की डिमांड करती रही, लेकिन पूर्व सरकारों के समय कभी जिम्मेदार लोग फाइल खोलते थे, कभी फाइल से खेलते थे. सेना के लिए गोला बारूद, आधुनिक राइफलों सहित कड़ाके की सर्दी में काम आने वाले उपकरणों की उपलब्धता को ताक पर रखा गया.