शिमला: हिमाचल में डॉक्टर्स के 300 पद लिखित परीक्षा के माध्यम से भरे जाने का रास्ता साफ हो गया है. ये पद लिखित परीक्षा की बजाय वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए भरे जाने की गुहार लगाई गई थी. कुछ डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में याचिका दाखिल की थी कि ये पद पहले की तरह वॉक-इन-इंटरव्यू से भरे जाएं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि अदालती फैसले के बाद ही रिजल्ट घोषित किया जाए.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने गुरुवार को उपरोक्त याचिका को खारिज (HC on recruitment of doctors in himachal ) कर दिया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वो अब लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करने के लिए स्वतंत्र है. हाईकोर्ट ने याचिका के निपटारे से पहले 2 सितंबर को हुई सुनवाई में रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगाई हुई थी.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर्स के 500 पद (doctors in Himachal) भरने का ऐलान किया था. इनमें से 200 पद लोकसेवा आयोग व तीन सौ पद वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए भरने थे. बाद में सरकार ने अपना फैसला पलटा और तीन सौ पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया. यानी जो 300 पद वॉक-इन-इंटरव्यू से भरने थे, उन्हें लिखित परीक्षा के माध्यम से भरने का फैसला हुआ. इसके लिए अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक को जिम्मा दिया गया.
इस फैसले के विरोध में डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि उक्त पद पहले की भांति वॉक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया से भरे जाएं. ये याचिका डॉक्टर शौर्या चौधरी व अन्य की तरफ से दाखिल की गई थी. याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थियों को अदालत ने फौरी राहत देने से मना किया था. अलबत्ता उन्हें लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए परीक्षा परिणाम कोर्ट के आगामी आदेशानुसार ही घोषित करने के आदेश पारित किए थे. लिखित परीक्षा चार सितंबर को आयोजित की गई थी.
वहीं, याचिका में दलील दी गई थी कि राज्य सरकार वर्ष 2012 से 2022 तक इन पदों को वॉक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया से ही भरती आ रही थी. दो साल पहले 21 दिसंबर को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 251 पद उक्त प्रक्रिया से ही भरे थे. इसके अलावा एक फरवरी 2022 को भी चिकित्सकों के 43 पद भरे गए थे. फिर इसी साल 14 जुलाई को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 300 पद भरने की बात कही थी. बाद में फैसला पलटा और लिखित परीक्षा करवाने का ऐलान किया.
यहां गौर करने वाली बात है कि हिमाचल में अब पहले से अधिक मेडिकल कॉलेज हो गए हैं. आईजीएमसी शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा सहित नाहन, हमीरपुर, चंबा, नेरचौक व एक निजी मेडिकल कॉलेज है. हर साल एमबीबीएस पास करने वालों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में लिखित परीक्षा के अलावा सरकार के पास कोई और चारा नहीं था. फिलहाल, हाईकोर्ट से विरोध वाली याचिका खारिज हो गई है और अब अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करेगी. इस फैसले के साथ ही हिमाचल में डॉक्टर्स की भर्ती (recruitment of doctors in himachal) को लेकर नए अध्याय की शुरुआत होगी.
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