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कोरोना के बहाने 'भूख का धंधा', सामाजिक संस्थाओं से लेकर कबाड़ी को 10 रुपये किलो रोटी बेच रहे लोग

लॉकडाउन में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद को जरुरतमंद बताकर सामाजिक संस्थाओं से खाने के लिए रोटियां लेते हैं. फिर उन रोटियों को कबाड़ी वाले को बेच कर पैसा कमा रहे हैं.

people wasting food in sirsa
सिरसा में बेची जा रही रोटियां.

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Published : Apr 26, 2020, 10:31 AM IST

सिरसा: कोरोना महामारी के इस दौर में जहां कुछ सामाजिक संगठन लोगों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहे हैं. वहीं सिरसा से एक शर्मनाक मामला भी सामने आया है. जहां रोटियों को लोगों ने एक कबाड़ी को बेच दिया. कबाड़ी के पास रोटियों के ढेर का वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो सिरसा में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि सिरसा के कई इलाकों में लोगों ने खुद को जरुरतमंद बताकर खाना लिया और बाद में इसे बेच दिया.

मजबूर बनकर भूख का सौदा

दरअसल मजबूर बनकर कुछ लोग पहले सामाजिक संस्थाओं से रोटी लेते हैं और फिर इसे 10 से 15 रुपये किलो के हिसाब से कबाड़ी को बेच देते हैं. जिसके बाद कबाड़ी इन रोटियों को मछली पालन और मुर्गी पालन करने वाले लोगों को 15 से 20 रुपये किलो के हिसाब से आगे बेच देता है.

15 सामाजिक संस्थाएं सेवा में जुटी

सिरसा में 24 मार्च से लॉकडाउन लगा है. तब से शहर की करीब 15 संस्थाएं गरीब, मजदूर और स्लम एरिया में रहने वाले लोगों तक खाना पहुंचाने का काम कर रही हैं. इनके अलावा कुछ समाजसेवी लोग भी हैं, जो अपने स्तर पर लोगों की मदद में जुटे हुए हैं. उसने कहा कि वह भी रोजाना खाने के 2000 से 3000 पैकेट बनवा कर सिरसा के लोगों में बांटता था लेकिन लोगों का यह रवैया देखकर उसका मन निराश हो गया और उसने लंगर सेवा पर रोक लगा दी है.

वीडियो रिपोर्ट.
मामले पर प्रशासन गंभीर

ईटीवी भारत की पड़ताल में जब रोटियों का सौदा होने की बात सामने आई तो हमने इस बात को शहर के उच्च अधिकारियों के सामने उठाने का फैसला लिया. जिसके बाद सिरसा के एसडीएम जयवीर यादव ने मामले को बेहद गंभीर बताया और कहा ऐसी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

लॉकडाउन के इस दौर में जहां हर रोज कितने ही लोग भूख से परेशान हैं. ऐसे वक्त में भूख और मानवता का मजाक बनाया जा रहा है. जो सही नहीं है. इसलिए हम सब को मिलकर ये सुनिश्चित करना होगा कि खाने सही लोगों तक भी पहुंचे और कोई भी गरीब भूखा पेट न सोये.

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