शिमला: देश में आम लोगों को भी हवाई सफर की सुविधा मिल सके इस मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया लेकिन योजना में धीमी गति के चलते 50 फीसदी रूट भी चालू नहीं हो सके हैं. रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक 31 मई तक उड़ान के तहत कुल रूट्स में से सिर्फ 47 फीसदी रूट और 39 फीसदी एयरपोर्ट ही चालू हो सके थे. वहीं, हिमाचल प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली के लिए उड़ान योजना के तहत पहली सेवा को हरी झंडी दिखाई थी, लेकिन लोगों को तीन साल तक ही इसका लाभ मिल सका. इस योजना के तहत 22 मार्च 2020 के बाद से शिमला के लिए नियमित उड़ान नहीं हो पाई है.
एयर इंडिया के पास छोटा जहाज उपलब्ध नहीं होने के कारण यह योजना शिमला के लिए आगे नहीं बढ़ पाई. इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण भी शिमला के लिए उड़ान नियमित नहीं हो पाई. शिमला की बात करें तो जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर वर्ष 2021-22 में 31 अगस्त तक 264 फ्लाइट का आगमन और प्रस्थान हुआ है. 2019-20 में 1431 फ्लाइट का आगमन और प्रस्थान हुआ है. वर्ष 2020-21 में 626 फ्लाइट का आगमन और प्रस्थान हुआ है. जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट को रीजनल कनेक्टिविटी स्टेशन (Regional Connectivity Station) की श्रेणी में रखा गया है. यहां आने वाली अधिकांश उड़ानें उड़ान योजना के तहत ही चलाई जाती हैं.
इसके बाद शुरू हुए उड़ान योजना के दूसरे चरण में शुरू की हेली टैक्सी सेवा के तहत चंडीगढ़ से सप्ताह में तीन दिन शिमला और तीन दिन कांगड़ा के लिए फ्लाइट होती है. हालांकि यह सेवा भी कभी खराब मौसम तो कभी अन्य कारणों से नियमित तौर पर नहीं हो पाती है. शिमला के अलावा कांगड़ा व भुंतर के लिए उड़ानें नियमित हैं. प्रदेश के गग्गल हवाई अड्डे और भुंतर हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना के तहत नियमित फ्लाइट हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अक्टूबर में सेवाएं फिर शुरू हुई.
पिछले दिनों हुई एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक (airport advisory committee meeting) की अध्यक्षता करते हुए सांसद सुरेश कश्यप ने कहा था कि एयर इंडिया जल्द अपनी फ्लाइट शुरू करने जा रहा है और पवन हंस भी अपने रुट बढ़ाने वाला है जिससे लोगों का शिमला पहुंचने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पवन हंस द्वारा उड़ान-2 के अंतर्गत हेली टैक्सी सुविधा यहां चल रही है. जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डा प्राधिकरण (Jubbarhatti Airport Authority) के निदेशक सोनम नोरबू ने बताया कि राजधानी में स्थित जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के लिए एयर इंडिया की एक उड़ान शुरू करने का प्रयास किया जा रहा था, मगर सिरे नहीं चढ़ सका. इस समय यहां से हेलीटैक्सी की एक उड़ान होती है.
रनवे की लंबाई कम होने के कारण उतर सकते हैं केवल छोटे जहाज: शिमला हवाई अड्डे पर 50 सीटर छोटा हवाई जहाज ही उतर सकता है. सितंबर 2012 तक यहां निजी कंपनी किंगफिशर का जहाज उतरता रहा. इससे पहले जेट एयरवेज की उड़ान भी होती थी. कारण बताया जाता है कि हवाई जहाज की सुरक्षित लैंडिंग के लिए रनवे की लंबाई 1500 मीटर होनी चाहिए. शिमला अड्डे के रनवे की लंबाई 1200 मीटर है. वहीं, कांगड़ा की 1370 मीटर व भुंतर के रनवे की लंबाई 1050 मीटर है.