शिमला:आईजीएसमी में खुली निजी एसआरएल लैब में अधिक दामों पर टेस्ट होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में लगी लैब के कारण मरीजों को राहत मिलने के बजाए उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है.
आईजीएमसी के लैब में जो टेस्ट सस्ते हैं, वह अधिक दामों पर एसएलआर लैब में किए जा रहे हैं. यह मामला तब सामने आया जब एक मरीज को ऑपरेशन से पहले एचआईवी का टेस्ट करवाना था. तीमारदार जब एसएलआर लैब में एचआईवी टेस्ट करवाने गया तो उससे 330 रुपये वसूले गए, जबकि यही एचआईवी का टेस्ट आईजीएमसी में निशुल्क किया जाता है.
बता दें कि अस्पताल में यह टेस्ट सुबह से शाम तक ही होते है जिसके बाद मरीजों को एसएलआर लेब में ही टेस्ट करवाना पड़ता है. मरीजों को समय रहते रिपोर्ट नहीं मिलती है. आईजीएमसी के एसएलआर लैब में लोगों की शिकायत रहती है कि यहां पर रिपोर्ट समय पर नहीं मिलती है. तीमारदारों का कहना है कि रिपोर्ट के लिए 4 घंटे का समय दिया जाता है, जबकि यह 6 घंटे तक नहीं आती है.
इस संबंध में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. पंकज कटोच ने कहा कि आईजीएमसी में एचआईवी के टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं और प्रतिदिन 50 से 60 मरीज एचआईवी टेस्ट करवाने के लिए आते हैं. सरकारी लैब में सुबह से शाम तक एचआईवी के टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं.
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