हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

पहाड़ी कलाकारों का छलका दर्द, बोले- बिना फोन किए नहीं मिलता स्टेज पर गाने का मौका - पहाड़ी कलाकारों का छलका दर्द

प्रदेश में होने वाली स्थानीय उत्सवों की स्टार नाइट्स में गाने का मौका न मिलने पर पहाड़ी कलाकारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पहाड़ी गायक अब नाटी के माध्यम से सरकारी तंत्र में हो रहे सिफारिशी खेल को लोगों के सामने लाएंगे.

pahadi singers ignored by government and administration
पहाड़ी कलाकारों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा,

By

Published : Feb 29, 2020, 8:30 PM IST

शिमला:प्रदेश में होने वाली स्थानीय उत्सवों की स्टार नाइट्स में गाने का मौका न मिलने पर पहाड़ी कलाकारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पहाड़ी गायक अब नाटी के माध्यम से सरकारी तंत्र में हो रहे सिफारिशी खेल को लोगों के सामने लाएंगे.

हिमाचली कलाकरों ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए है और स्टार नाईट में कलाकारों को सिफारिश के आधार पर नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर मौका देने के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की गई है. पहाड़ी कलाकारों ने आरोप लगाया कि स्थानीय उत्सवों में पिछले 15 सालों से कुछ एक कलाकरों को मौका दिया जा रहा है, जबकि स्टार नाईट में बाहरी राज्यों के कलाकारों पर लाखों रुपए लुटाए जा रहे है और अधिकतर हिमाचली कलाकरों को मौका नहीं दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

पहाड़ी गायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिमाचल के उत्सवों और मेलों में स्टार नाईट में सिफारिश का खेल कई वर्षों से चला है. प्रशासन कुछ एक पुराने कलाकारों को ही मौका देता है और कुछ कलाकार सिफारिश के दम पर अपनी एंट्री करवा रहे है, जबकि जो असल में पहाड़ी संस्कृति को सहेजने का काम कर रहे है उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाता है.

प्रशासन इन उत्सवों में प्रस्तुति के लिए ऑडिशन तो करवाता है, लेकिन इसके लिए कोई मापदंड़ तय नहीं है और जिसकी सिफारिश सचिवालय या मंत्री नेता की आती है उन्हें ही गाने का मौका दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहाड़ी नाटी पर तो खूब नचाते है और पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण के बड़े-बड़े दावे करते है, लेकिन पहाड़ी कलाकरों की हमेशा अनदेखी की जाती है.

वहीं, पहाड़ी गायक पंकज ठाकुर ने कहा कि सरकार और प्रशासन की अनदेखी से पहाड़ी कलाकार आहत है. सरकार के समक्ष कई बार यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. स्थनीय उत्सवों ओर मेले में कैसे कलाकरों को गाने का मौका दिया जाता है और उन्हें कितने पैसे दिए जाते है उसका खुलासा जल्द किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंःचंबा में बारिश के बाद भूस्खलन का सिलसिला शुरू, डंगा गिरने से चंबा-होली सड़क प्रभावित

ABOUT THE AUTHOR

...view details