शिमला: देश में कोरोना के कहर की वजह से मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की डिमांड काफी बढ़ गई है. हिमाचल प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई भी कमी नहीं है. इसके बावजूद सामान्य दिनों में 30 से 40 हजार रुपये की कीमत पर मिलने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के दाम 65 के पार पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम में भी कई गुना का उछाल देखा जा रहा है.
हिमाचल सरकार ने ऑक्सीजन की व्यवस्था पर पूरी निगरानी रखी हुई है. कई जिलों में डीसी की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं. जिसके तहत लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर होने की जानकारी देनी होगी. शुरुआती दौर में राज्य की सीमा पर स्थापित ऑक्सीजन प्लांट से अवैध रूप से सिलेंडर भी भरे गए. हालांकि ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने वाले अधिकांश लोग पड़ोसी राज्यों बताए जा रहे हैं.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के दाम में कई गुना इजाफा
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर दुकानदार ने बताया की ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के दाम भी लगातार बढ़ते रहे हैं. प्रदेश में पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दुकानों से लगभग गायब ही हैं और जहां मिल रहे हैं वहां एलपीएम वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 40 हजार रुपये से 70 हजार रुपये में मिल रहे हैं. दस एलपीएम वाले कंसन्ट्रेटर की कीमत 70 हजार रुपये से लेकर एक लाख तीस हजार रुपये तक बताई गई है. वहीं, प्लस फ्लो रेट वाले कंसंट्रेटर डेढ़ लाख रुपये से ढाई लाख रुपये में मिल रहे हैं. कोरोनाकाल से पहले की बात करें तो कई जाने माने ब्रांड की कीमत 30 हजार से 40 हजार रुपये होती थी. अब वह कंसंट्रेटर 60 हजार रुपये तक के दाम पर बिक रहा है.
पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के बढ़े दाम
कोरोना की दूसरी लहर में पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर के रेट में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. ऑनलाइन मार्केट में ऑक्सीजन की बी टाइप सिलेंडर किट छह से 12 हजार रुपये की रेंज में मिल रही है. साढ़े चार सौ लीटर की ऑक्सी 99 किट के रेट भी 19 हजार रुपये तक जा चुके हैं. यदि इस सिलेंडर का फ्लो रेट दो एलपीएम रखें तो यह केवल चार घंटे ही चल सकेगा.
प्रदेश में ऑक्सीजन की नहीं, सिलेंडर की कमी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रतिदिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था को सुनिश्चित कर रही है. कोविड डिडेकेटेड अस्पताल के पास ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने की निर्देश भी दिए गए है. प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. प्रदेश में सिर्फ खाली सिलेंडर की कमी है जिसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से तीन हजार खाली सिलेंडर की मांग की गई है. हिमाचल में प्रतिदिन 53 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादित की जा रही है, जबकि केवल 23 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही प्रदेश में खपत है. इस प्रकार हिमाचल ऑक्सीजन सरप्लस स्टेट है.
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