शिमला: परिवहन एवं उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर (Himachal Transport and Industries Minister Bikram Thakur) ने कहा कि देश में हर साल कुल सड़क हादसों में अकेले हिमाचल प्रदेश में 11 फीसदी दुर्घटनाएं (accidents in Himachal) होती हैं. हिमाचल में हर 3 घंटे बाद एक व्यक्ति सड़क हादसे मारा जाता है. प्रदेश में हर साल औसतन 1200 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विश्व में हर साल 13 लाख मौत होती है, जिसमें सबसे ज्यादा आंकड़ा हिमाचल का होता है. उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य शैक्षणिक संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र सोलन के सहयोग से सड़क सुरक्षा पर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है और आगामी शैक्षणिक सत्र में छठी से दसवीं कक्षा तक इसे पढ़ाना शुरू कर दिया जाएगा.
परिवहन मंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में परिवहन विभाग ने 1985.93 करोड़ रुपये का राजस्व विभिन्न शीर्षों से अर्जित किया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 512.10 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है और प्रथम तीमाही में विभाग ने कुल 182.78 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 85.70 करोड़ रुपये अधिक है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मोटर वाहन नियमों की उल्लंघना करने वालों के विरूद्ध 129570 चलान कर 22.28 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि एकत्रित की गई है.
बता दें कि पिछले 5 सालों में 3,020 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमे 2,633 लोगों की मौत हुई है. सड़क के किनारे क्रैश बैरियर नहीं होने के कारण राज्य में 'रोल डाउन' दुर्घटनाएं दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बन गई हैं. राज्य की कुल 38,035 किमी सड़क की लंबाई में, दुर्घटना अवरोध कुल सड़क लंबाई के केवल 520 किमी (1.36%) पर स्थापित हैं. रोल डाउन के आंकड़ों के अनुसार 2,633 कीमती जानें चली गईं और 6,792 लोग घायल हो गए.