शिमला: वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को पर्यटन सेक्टर मजबूती दे सकता है. वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि छोटे पहाड़ी राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त करने में पर्यटन (Himachal Tourism) अहम भूमिका निभा सकता है. हिमाचल में हवाई सेवाएं (Air Services in Himachal) बढ़ने से और अधिक सैलानी यहां आ सकेंगे.
हाल ही में मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के लिए वित्तायोग (International airport built in Nagchala) ने एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किये हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि देश और विदेश से एयर कनेक्टिविटी होने पर हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. राज्य सरकार ने भी सालाना 2 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य रखा है. हिमाचल में कोरोना काल में पर्यटन सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है. अब हिमाचल सरकार ने केंद्र को टूरिज्म से जुड़े विभिन्न प्रस्ताव दिए हैं और केंद्र सरकार से भी हिमाचल को सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है.
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर जीडीपी में सात फीसदी का योगदान देता है. 2019-20 में हिमाचल प्रदेश में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी आए थे. कोरोना के कारण 2020-21 में यह संख्या घटकर 32 लाख 13 हजार 379 रह गई. पूर्व का आंकड़ा देखें तो 2019-20 में 1 करोड़ 68 लाख 29 हजार 231 देशी सैलानी और 3 लाख 82 हजार 876 विदेशी सैलानी हिमाचल आए थे. यदि शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट (Jubbarhatti Airport of Shimla) पूरी तरह से फंक्शनल हो जाए तो सैलानियों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी. इसी तरह मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से (International airport built in Nagchala) हिमाचल का पर्यटन सेक्टर बुलंदी पर जा सकता है. इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चयनित की गई है और एमओयू भी साइन हो चुका है.
हिमाचल सरकार को जब से वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह (NK Singh Chairman of Finance Commission) ने टूरिज्म सेक्टर पर फोकस करने के लिए कहा है तब से मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पर्यटन सेक्टर के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. एक सुझाव प्रमुखता से सामने आया कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूरिज्म इंफ्रास्कटर (International Tourism Infrastructure in Himachal) जरूरी है.