हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

राज्य छोटा, उपलब्धियां कमाल: भारत में सेहत की नब्ज पर हिमाचल के डॉक्टर्स का मेधावी स्पर्श

देवभूमि हिमाचल प्रदेश एक राज्य के रूप में 52वें साल में (HIMACHAL STATEHOOD DAY) प्रवेश कर गया है. बेशक हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है, लेकिन इसके खाते में बेमिसाल उपलब्धियां दर्ज हैं. यहां हम भारतवर्ष में सेहत के मोर्चे पर हिमाचली डॉक्टर्स की प्रतिभा के (Achievements of Himachal doctors) जलवे पर बात करेंगे. देश के कई सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थानों की (HEALTH STRUCTURE OF HIMACHAL) कमान हिमाचल के डॉक्टर्स के हाथ में है. यानी भारत की सेहत की नब्ज पर हिमाचल के डॉक्टर्स का मेधावी स्पर्श मरीजों को राहत दे रहा है.

By

Published : Jan 25, 2022, 1:14 PM IST

Achievements of Himachal doctors
हिमाचल के डॉक्टर्स

शिमला:देश की 130 करोड़ से अधिक की आबादी के इलाज के लिए आशा के बड़े केंद्र एम्स दिल्ली व पीजीआई चंडीगढ़ सहित कई अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में हिमाचल के डॉक्टर्स अहम पदों पर हैं.सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा प्राइवेट सेक्टर के बड़े अस्पतालों में भी हिमाचल के डॉक्टर्स बड़े (Achievements of Himachal doctors) पदों पर हैं.

सबसे पहले बात करते हैं एम्स दिल्ली की. देश के इस प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान के प्रमुख हिमाचल के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया हैं. डॉ. गुलेरिया पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता स्व. अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली टीम का मार्गदर्शन भी हिमाचल के डॉक्टर संदीप गुलेरिया ने किया था.

संदीप गुलेरिया, डॉ. रणदीप गुलेरिया के भाई हैं. वे पहले एम्स दिल्ली में सेवाएं दे रहे थे और फिर एम्स से इंद्रप्रस्थ अपोलो दिल्ली में सेवारत हैं. एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया पल्मोनरी मेडिसिन के विश्वप्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं. पदमश्री व डॉ. बीसी रॉय सम्मान से नवाजे जा चुके डॉ. रणदीप गुलेरिया कई देशों में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सम्मेलनों में शिरकत कर चुके हैं. यहां दिलचस्प बात ये है कि उनके पिता डॉ. जेएस गुलेरिया भी एम्स दिल्ली के डीन रहे हैं.

देश के उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल सहित राजस्थान के कई हिस्सों की सेवा में सक्रिय चंडीगढ़ का पीजीआईएमआर देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज अस्पताल व रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में जाना जाता है. यहां के निदेशक रहे प्रोफेसरडॉ. जगतरामभी हिमाचल के सिरमौर जिले के रहने वाले हैं. डॉ. जगतराम दुनिया भर में मशहूर आई सर्जन हैं. मेडिकल साइंस में देश और विदेश के 24 बड़े अवार्ड डॉ. जगतराम के खाते में दर्ज हैं.

पंजाब की बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर हिमाचल के रहने वाले डॉ. राजबहादुर हैं. डॉ. राजबहादुर विश्वविख्यात आर्थोपेडिक सर्जन हैं. उनके पास यूके, यूएसए, स्विटजरलैंड सहित अन्य देशों की फैलोशिप है. चार दशक के रिसर्च अनुभव से सज्जित डॉ. राजबहादुर पूर्व में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंडीगढ़ के भी प्रमुख रहे हैं.

हिमाचल के युवा डॉक्टर्स भी बेमिसाल हैं. हिमाचल के हमीरपुर के रहने वाले डॉ. अरुण शर्मा भारत के पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने कार्डियोवस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इंटरवेंशन यानी सीवीआर एंड ईआई में डीएम की डिग्री हासिल की है. पहले ये डिग्री विदेश के चिकित्सा संस्थानों में ही करवाई जाती थी. सबसे पहले एम्स दिल्ली में जब ये डीएम डिग्री शुरू की गई तो समूचे देश से डॉक्टर अरुण शर्मा ही सिलेक्ट हुए.

कुछ समय एम्स दिल्ली में सेवाएं देने के बाद वे पीजीआईएमआर चंडीगढ़ में तैनात हैं. इसी तरह हिमाचल के डॉक्टर सुरजीत भारद्वाज भी एम्स दिल्ली में बालरोग विभाग में तैनात हैं. उन्होंने न्यूनेटल पीडियाट्रिक्स में डीएम यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन की है. दिलचस्प ये है कि डॉ. अरुण शर्मा व डॉ. सुरजीत भारद्वाज ने जब पीजीआई चंडीगढ़ से अपने-अपने विभाग में पीजी एंट्रेस की प्रवेश परीक्षा दी तो वे जीडीओ कैटेगरी में देश के टॉपर रहे हैं. एमडी की डिग्री लेने के बाद दोनों ने डीएम यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन की और डॉ. अरुण तो अपनी फील्ड में डीएम करने वाले देश के पहले डॉक्टर हैं.

भारत में यदि निजी सेक्टर के संस्थानों को देखें तो देश के नामी स्वास्थ्य संस्थान सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन भी हिमाचल के डॉक्टर डीएस राणा हैं. नेफरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. डीएस राणा पदमश्री से अलंकृत हैं और क्लीवलैंड क्लीनिक ओहियो अमेरिका के इंटरनेशन स्कॉलर हैं. करनाल के कल्पना चावला मेडिकल इंस्टीट्यूट के निदेशक भी हिमाचल के डॉक्टर प्रोफेसर सुरेंद्र कश्यप रहे हैं.

शिमला जिले के रहने वाले डॉ. कश्यप भी देश के माने हुए पल्मोनरी मेडिसिन विशेषज्ञ हैं. अब वे हिमाचल प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नियुक्त हुए हैं. फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोवस्कुलर सर्जरी के एग्जीक्यूटिव डॉयरेक्टरडॉ. टीएस महंतभी हिमाचल के मंडी जिला के हैं. नामी हार्ट सर्जन डॉ. टीएस महंत विदेशी संस्थानों के बुलावे पर जटिलतम हार्ट सर्जरी के लिए जाते रहे हैं. वे गर्भस्थ शिशु से लेकर 90 साल के बुजुर्ग पेशेंट्स की हार्ट सर्जरी करने में माहिर हैं. इसी तरह एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. जेआर ठाकुर भी हिमाचल के मंडी जिला के हैं और मुलाना में महर्षि मर्कंडेश्वर मेडिकल कॉलेज के हैड हैं.

नीति आयोग में भी हिमाचल का प्रतिनिधित्व: हेल्थ साइंस रिसर्च में देश के सबसे बड़े सम्मान डॉ. बीआर अंबेदकर सेंटेनरी अवार्ड हासिल कर चुके डॉ. विनोद पॉलनीति आयोग में तैनात हैं. डॉ. पॉल हिमाचल के कांगड़ा जिले के देहरा इलाके के रहने वाले हैं. वे एम्स दिल्ली में पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी रहे हैं. डॉ. पॉल को हैल्थ साइंस रिसर्च में देश के सबसे बड़े सम्मान डॉ. बीआर अंबेदकर सेंटेनरी अवार्ड मिल चुका है.

इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की तरफ से दिया जाने वाला ये सम्मान देश का सर्वोच्च रिसर्च सम्मान है. डॉ. पॉल को वर्ष 2009 के लिए ये सम्मान मिला था. वर्ष 2009 के डॉ. बीआर अंबेदकर सेंटेनरी अवार्ड समारोह में बताया गया था कि डॉ. पॉल ने नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं और बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद सराहनीय शोध कार्य किए हैं. समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं के लिए जीवनरक्षक दवाओं को विकसित करने के साथ-साथ उनके शोध ने बाल स्वास्थ्य में कई आयाम स्थापित किए हैं.

डॉ. पॉल की सबसे बड़ी कामयाबी आज से दो दशक पहले बिना किसी बजट के नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों पर शोध के लिए नेशनल न्यूनेटल पैरीनेटल डाटाबेस नेटवर्क तैयार किया था. उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को न्यूबोर्न बेबी हैल्थ को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार करने में सहयोग दिया है. उनके शोध के कारण ही भारत में न्यू बोर्न बेबी केयर का नया अध्याय शुरू हुआ.

ये भी पढे़ं: देवभूमि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर मीलों पैदल चलकर शिमला आए थे लोग

ABOUT THE AUTHOR

...view details