शिमला:हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2017 में हिमाचल में पंजीकृत वाहनों की संख्या साढ़े तेरह लाख करीब थी. चार साल बाद यह संख्या 18 लाख से अधिक हो गई.आलम यह है कि शिमला जिले में अप्रैल 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक 5216 नए वाहन रजिस्टर्ड हुए. हिमाचल में 10 रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस हैं.
कोरोना काल में यहां 30 हजार से अधिक नए वाहन पंजीकृत हुए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च 2020 तक हिमाचल में सड़कों पर 17 लाख, 60 हजार 433 वाहन थे. सबसे अधिक संख्या मोटरसाइकिल और अन्य दोपहिया वाहनों की है. 2020 तक 9 लाख से अधिक टू व्हीलर हिमाचल की सड़कों पर थे. प्रदेश में 21 हजार 676 बसें चल रही हैं. इसके अलावा कारों की संख्या 5 लाख 35 हजार 812 के करीब है. कोरोना काल में वाहनों की यह संख्या बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गई है. टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने का कारण रोजाना बाहर के राज्यों से हिमाचल प्रदेश में सात से दस हजार के करीब वाहन आते हैं.
वर्ष 2016 में हिमाचल में देश और विदेश से 1.79 करोड़ सैलानी आए. वर्ष 2017 में जनवरी में 1187693, फरवरी में 1146506 व मार्च में 1540801 पर्यटक पहुंचे. कुल मिलाकर तीन महीनों में ही 3875001 देशी व 92629 विदेशी सैलानी आए. इस तरह गाड़ियों के बोझ तले हिमाचल की सड़कें दब रही हैं. तुलनात्मक अध्ययन करें तो हिमाचल में 1990-91 में कुल 67 हजार 103 वाहन ही रजिस्टर्ड थे. इस तरह तीन दशक में ही संख्या बढ़कर 18 लाख तक पहुंच गई.
2016-17 में वाहनों की संख्या 12,93,755 थी. वाहनों की बढ़ती संख्या से सड़क हादसे होने की आशंका अधिक रहती है. हिमाचल में हर साल 1200 से अधिक लोग सड़क हादसों के कारण काल का ग्रास बन जाते हैं. शिमला जिले में पौने पांच लाख के करीब वाहन हैं. अकेले शिमला शहर में सवा लाख गाड़ियां रजिस्टर्ड है.