शिमला: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में नाम कमाया है, लेकिन इस उजली तस्वीर का दूसरा पहलू भी है. तस्वीर का दूसरा पहलू बताता है कि राज्य में स्कूलों की तो कमी नहीं, परंतु पढ़ने वालों की जरूर कमी है. प्रदेश में 131 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं. यही नहीं, इस कड़ी में 1957 स्कूल ऐसे हैं, जहां दस या दस से कम छात्र अध्ययन कर रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश ध्वाला के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी सदन में आई.
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान खूब हंगामा हुआ. इस कारण यह सवाल पूछने के लिए लग नहीं पाया. ऐसे में लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की तरफ से जानकारी दी गई. रमेश ध्वाला का सवाल था कि प्रदेश में कितने ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं, जहां एक भी छात्र नहीं है. इसके अलावा उन्होंने दस या दस से कम छात्रों वाले स्कूलों का ब्यौरा भी मांगा. रमेश ध्वाला ने यह भी जानना चाहा था कि क्या सरकार इन स्कूलों का रेशनेलाइजेशन करेगी. लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि अभी ऐसे स्कूलों को बंद करने या विद्यार्थियों को दूसरी जगह समायोजित करने के बारे में सरकार ने कोई विचार नहीं किया. राज्य में कोविड-19 की स्थिति सुधरने के बाद इस बारे में फील्ड से वस्तुस्थिति से संबंधित रिपोर्ट मांगी जाएगी. फिर राज्य सरकार प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से चर्चा के बाद सरकार गुण- दोष आधार पर इस संबंध में विचार करेगी.