शिमला: हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी नई इमारतें या अन्य परियोजनाएं, जिनकी लागत बहुत अधिक है और जो अधिक सार्वजनिक महत्व की नहीं हैं के उद्घाटन की आवश्यकता नहीं है. उन्हें तैयार होने के तुरंत बाद ही सार्वजनिक उपयोग में लाना चाहिए. हाईकोर्ट ने इस बाबत राज्य सरकार को नीति तैयार करने के आदेश जारी किए हैं.
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना ने कहा कि उद्घाटन गतिविधियों पर अनावश्यक खर्च को बचाने के लिए यह जरूरी है. इसके अलावा क्या प्रधानों या उपप्रधानों को एक विशेष मूल्य तक परियोजनाओं का उद्घाटन करने की अनुमति दी जानी है या नहीं, इस पर भी विचार करें.
ग्राम पंचायत कपहरा की प्रधान माया देवी और ग्राम पंचायत कपाहरा के उपप्रधान विनय कुमार शर्मा द्वारा दायर याचिका में विकास अधिकारी, विकास खंड घुमारवीं, जिला बिलासपुर द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें विकास खंड घुमारवीं के सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को अवगत कराते हुए कहा था कि यदि उनमें से किसी ने भी सरकारी खर्च पर निर्मित किसी परियोजना का उद्घाटन किया है तो वह पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से पहले उद्घाटन पट्टिकाओं को हटा दें.