किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के प्रस्तावित 804 मेगावाट जंगी ठोपन जलविद्युत परियोजना का काम एसजेएवीएनएल कम्पनी द्वारा किया जाना है, जिसके विरोध में प्रभावित होने वाले ग्राम पंचायत लगातार इस परियोजना का ग्राम सभाओं व अन्य बैठकों में विरोध कर रहे हैं. परियोजना के विरोध के चलते जंगी, आकपा, रारंग पंचायतों ने पंचायतीराज चुनावों में चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार भी किया था.
बता दें कि जंगी ठोपन जलविद्युत परियोजना प्रबंधन (Jangi Thopan Hydroelectric Project) द्वारा इन दिनों परियोजना प्रभावित क्षेत्रों मे अनापत्ति पत्र लेने के लिए भागा-दौड़ी की जा रही है, लेकिन प्रभावित पंचायतों द्वारा परियोजना प्रबंधन को लगातार इस परियोजना निर्माण से सख्त मनाही की जा रही है और प्रदेश सरकार से भी परियोजना के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग रखी जा रही है. वहीं, जंगी, आकपा, रारंग ग्राम पंचायतों ने तो अपने ग्राम सभा में परियोजना (SJVNL) प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और GO BACK के नारे भी लगाए गए.
सजेएवीएनएल प्रबंधन के खिलाफ लगाए गो बेक के नारे. (वीडियो) जंगी ठोपन जलविद्युत परियोजना (Panchayat affected by Jangi Thopan hydroelectric project) से प्रभावित पंचायतों का कहना है कि इस परियोजना के निर्माण से यहां के कच्चे पहाड़ों पर बसे लोगों का अस्तित्व खतरे में है. उन्होंने कहा कि यहां के सांस्कृतिक धरोहरों को भी परियोजना निर्माण के बाद भारी नुकसान हो सकता है. वहीं, जिले के अन्य क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण कार्य के बाद आज उन क्षेत्रों मे लैंडस्लाइड के साथ वहां की भौगोलिक परिस्थितियों में बदलाव आया है.
जंगी ठोपन जलविद्युत परियोजना से प्रभावित पंचायत. ऐसे में अब जिले में जलविद्युत परियोजनाओं के अंधाधुंध दोहन से जिला अपना अस्तित्व खो चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि जंगी ठोपन जलविद्युत परियोजना को वे कभी भी स्थापित होने नहीं देंगे, चाहे उन्हें परियोजना को रोकने के लिए किसी भी हद तक जाना पड़े. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस प्रस्ताव को सरकार निरस्त नहीं करती है तो आनेवाले दिनों में वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकारी की होगी.