शिमला : कोरोना वायरस के इस संकट के समय में कोरोना योद्धा मैदान ने डटे हैं और लोगों का इस वैश्विक महामारी से बचाव कर रहे हैं. डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी और पुलिस कर्मचारियों ने कोरोना के संकट के बीच में मेडिकल सेवाओं से लेकर, सफाई सेवा और सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने का जिम्मा बखूबी संभाला है.
वहीं, अब इन कोरोना योद्धाओं में प्रदेश के राष्ट्रीय कैडेट कोर एनसीसी कैडेट्स का भी नाम शामिल हो गया है. प्रदेश भर में 525 एनसीसी कैडेट्स कोरोना के संकट के बीच में लोगों को जागरूक करने का जिम्मा संभाले हुए हैं. प्रदेश में वैसे तो 1,185 एनसीसी कैडेट्स ने कोविड-19 के इस संकट के बीच में स्वेच्छा से अपनी सेवाएं देने का निर्णय लिया था जिसमें से 525 कैडेट्स को इस काम पर लगा दिया गया है.
हिमाचल में 4 हजार के करीब सीनियर क्लास एनसीसी कैडेट्स जिनकी आयु 18 साल है, ट्रैनिंग करते हैं. इनमें से 1,185 कैडेट्स ने स्वेच्छा से कोविड-19 के लिए अपनी सेवाएं देने की पहल की है. वहीं, 525 कैडेट्स कांगड़ा, धर्मशाला, ऊना, रामपुर, नाहन, मंडी, सुंदरनगर, शिमला, ठियोग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार ही कैडेट्स को इन क्षेत्रों में ड्यूटी पर लगाया गया है. वहीं, 650 कैडेट्स भी पूरी तरह से तैयार हैं. उन्हें ट्रैनिंग दी गईं है. आवश्यकता पड़ने पर इन कैडेट्स की भी सेवाएं ली जाएंगी.
सेवन एचपी इंडिपेंडेंट कंपनी के ब्रिगेडियर राजीव ठाकुर ने बताया कि शिमला जिला में ही 90 के करीब एनसीसी कैडेट्स अपनी सेवाएं कोविड 19 के संकट के बीच में दे रहे हैं. 50 बच्चें रामपुर तो 40 के करीब बच्चे ठियोग में मोर्चा पुलिस प्रशासन के साथ संभाले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि एनसीसी के कैडेट्स को भी आर्मी की तरह ही ट्रैनिंग और अनुशासन में रहना सिखाया जाता है. उन्हें पूरी तरह से डिजास्टर मैनेजमेंट की ट्रैनिंग दी जाती है. उन्होंने बताया कि एनसीसी के कैडेट्स की ट्रैनिंग का एक प्रमुख भाग डिजास्टर मैनजेमेंट का भी होता है, लेकिन एक बार का यह डिजास्टर बिल्कुल अलग था.
ऐसे में सेंटर गवर्मेंट की तरफ से आई गोट एप पर कैडेट्स को रिजिस्टर्ड कर उन्हें ट्रैनिंग कोविड-19 के समय में किस तरह से कार्य करना है, उसे लेकर दी गई. इसके साथ ही हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में आईजीएमसी में कैडेट्स की ट्रैनिंग करवाई गई. जिसमें उन्हें किस तरह की सेवाएं देनी है और लोगों को किस तरह जागरूक करना है, उसे लेकर जानकारी दी गईं.
राष्ट्रीय कैडिट कोर के यह कैडेट्स पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर जहां प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं तो वहीं, लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को लेकर जागरूक करने के अलावा उन्हें कोरोना से बचाव को लेकर भी क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इस बारे में भी बता रहें है.
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