शिमला:आज राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) दिवस है. हिमाचल प्रदेश बेशक छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन यहां डॉक्टर्स और सेहत के मोर्चे पर शानदार काम हुआ है. हिमाचल प्रदेश के कई डॉक्टर्स देश और विदेश में अपनी प्रतिभा का डंका बजा (Doctors of Himachal across world) रहे हैं. इस समय देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स दिल्ली की कमान भी एक हिमाचली के हाथ में है. डॉ. रणदीप गुलेरिया के पिता डॉ. जेएस गुलेरिया भी एम्स दिल्ली में डीन रह चुके हैं.
डॉ. रणदीप गुलेरिया (AIMMS Director Dr Randeep Guleria) के भाई डॉ. संदीप गुलेरिया ने स्वर्गीय अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली टीम को लीड किया था. वे भी एम्स में सेवाएं दे चुके हैं. बड़ी बात ये है कि डॉ. रणदीप गुलेरिया देश के सबसे बड़े चिकित्सा सम्मान डॉ. बीसी रॉय सेनेटरी अवार्ड से अलंकृत हो चुके हैं. इसी कड़ी में एक और बड़ा नाम डॉ. वीके पॉल का है. कांगड़ा जिला के देहरा के रहने वाले डॉ. पॉल विश्वविख्यात बाल रोग विशेषज्ञ हैं. वे इस समय नीती आयोग में भी सक्रिय हैं. कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई की रणनीति डॉ. पाल के नेतृत्व में ही बनी है. डॉ. पॉल भी बीसी राय अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं.
हिमाचल के युवा डॉक्टर्स ने भी मचाई धूम:हिमाचल प्रदेश के युवा डॉक्टर्स भी अपनी खास पहचान बनाने में आगे हैं. हमीरपुर से संबंध रखने वाले डॉ. अरुण शर्मा भारत के पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने कार्डियोवैस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इंटरवेंशन यानी सीवीआर एंड ईआई में डीएम की डिग्री हासिल की है. पहले ये डिग्री विदेश के चिकित्सा संस्थानों में ही करवाई जाती थी. सबसे पहले एम्स दिल्ली में जब ये डीएम डिग्री शुरू की गई तो समूचे देश से डॉक्टर अरुण शर्मा ही सिलेक्ट हुए. दिल्ली एम्स में सेवाएं देने के बाद डॉ. अरुण शर्मा अब पीजीआईएमआर चंडीगढ़ में तैनात हैं.
इसी तरह हिमाचल के डॉक्टर सुरजीत भारद्वाज भी एम्स दिल्ली में बालरोग विभाग में सेवाएं देने के बाद अब अपने गृह प्रदेश हिमाचल में तैनात हैं. उन्होंने न्यूनेटल पीडियाट्रिक्स में डीएम यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन की है. दिलचस्प ये है कि डॉ. अरुण शर्मा व डॉ. सुरजीत भारद्वाज ने जब पीजीआई चंडीगढ़ से अपने-अपने विभाग में पीजी एंट्रेस की प्रवेश परीक्षा दी तो वे जीडीओ कैटेगरी में देश के टॉपर रहे हैं. एमडी की डिग्री लेने के बाद दोनों ने डीएम यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन की और डॉ. अरुण तो अपनी फील्ड में डीएम करने वाले देश के पहले डॉक्टर हैं.
IGMC की कमान एक युवा डॉक्टर के पास:हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल की कमान युवा न्यूरोसर्जन डॉ. जनकराज के हाथ में है. वे अस्पताल के सीनियर एमएस हैं. डॉ. जनकराज ने बीएचयू (IGMC MS Dr Jank raj) से न्यूरोसर्जरी में एमसीएच की डिग्री गोल्ड मैडल के साथ ली है. वे एमएस पद की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही आपात परिस्थितियों में मरीजों की सर्जरी भी करते हैं. इसी तरह कोविड के खिलाफ लड़ाई में फ्रंट लाइन पर खड़े युवा डॉ. विमल भारती ने दिन-रात काम किया है. मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विमल भारती पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के भी निजी चिकित्सक रह चुके हैं.