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राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, दी ये चेतावनी

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने प्रदेश सरकार से 1995 से लेकर खाली पड़े बैकलॉग को भरने की मांग उठाई है. संघ ने आरोप लगाया कि सराकर ने माननीयों के भत्ते तो चंद मिनटों में बढ़ा दिए, लेकिन कमजोर वर्गों के कोई काम नहीं किया जा रहा है.

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के संयोजक कुलदीप ठाकुर

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Published : Sep 15, 2019, 10:38 PM IST

शिमला: राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने प्रदेश सरकार से 1995 से लेकर खाली पड़े बैकलॉग को भरने की मांग उठाई है. संघ ने चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी विभागों के सचिवों के साथ हमारी बैठक नहीं होती है तो एक माह बाद अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा.

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के संयोजक कुलदीप ठाकुर ने बताया कि जयराम सरकार खुद को कमजोर वर्गों की हितैषी कहती है, लेकिन सरकार की ओर से कमजोर वर्गों के लिए कोई काम नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मंत्री के साथ दृष्टिहीनों की लंबित मांगो पर चर्चा की गई , लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से सिर्फ आश्वासन दिया गया.

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संघ के संयोजक कुलदीप ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में दिव्यांगों के लिए दो स्कूल ढली व सुंदरनगर में है, जहां दृष्टिहीनों व दूसरे दिव्यांगों को एक साथ पढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि दृष्टिहीनों व मूक बधिर को एक शिक्षा पद्दति से नहीं पढ़ाया जा सकता है.

संयोजक कुलदीप ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2012 से निगम की बसों में दी जाने वाला निशुल्क यात्रा भत्ता को भी बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि न्यायालय ने दिव्यांगों के लिए 3 फीसदी नौकरियों में आरक्षण दिया है, जिसमें दृष्टिहीनों का 2 फीसदी आरक्षण खाली पड़ा है, लेकिन सरकार इसको नहीं भर रही.

संयोजक कुलदीप ठाकुर ने बताया कि सराकर ने माननीयों के भत्ते तो चंद मिनटों में बढ़ा दिए, लेकिन कमजोर वर्गों के कोई काम नहीं किया जा रहा है.

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