शिमला:उपचुनावों के लेकर दोनों राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिए हैं. मंडी संसदीय सीट पर भाजपा ने ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर और कांग्रेस ने प्रतिभा सिंह को टिकट दिया है. जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक रोहित ठाकुर और भाजपा ने पूर्व जिला परिषद सदस्य नीलम सरकइक को चुनाव मैदान में उतारा है. फतेहपुर से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री स्व. सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया और भाजपा ने बलदेव ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है. अर्की विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पीसीसी महासचिव संजय अवस्थी को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने पार्टी उपाध्यक्ष रतन सिंह पाल को चुनावी मैदान में उतारा है.
मंडी लोकसभा सीट:भाजपा के पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा की मौत के बाद मंडी लोकसभा सीट खाली हुई. यहां से भाजपा ने रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर और कांग्रेस ने प्रतिभा सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. अब यह राजनीतिक लड़ाई राजपरिवार और सेना के ब्रिगेडियर के बीच होने वाली है. 7 अक्टूबर को नामांकन भरने वाले भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की बात करें तो ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले नगवाईं गांव के निवासी हैं. इनके नेतृत्व वाली 18 ग्रेनेडियर ने न केवल टाइगर हिल और तोलोलिंग पर विजय पताका फहराया, बल्कि कारगिल युद्ध की जीत का रास्ता भी तैयार किया.
खुशाल ठाकुर की टीम ने 20 मई 1999 को तोलोलिंग की चोटी पर बड़ी संख्या में पाकिस्तानी फौज को खदेड़ा है. इसके लिए 8 हजार फीट की ऊंचाई और पथरीली सीधी चढ़ाई, माइनस डिग्री तापमान में छिपने के लिए सिर्फ पत्थर थे. 12 और 13 जून की रात को तोलोलिंग चोटी को फतह किया. खुशाल ठाकुर का जन्म 9 सितंबर 1954 को हुआ है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई के बाद इन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स दिल्ली (Indian Institute of Human Rights Delhi) से मानवाधिकार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया है. इनका बेटा भी सेना में ले. कर्नल के पद पर सेवाएं दे रहा है.
कांग्रेस ने मंडी लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रतिभा सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. 16 जून 1956 को जुनगा राजघराने में जन्मीं प्रतिभा सिंह चौथी बार इस सीट से चुनावी मैदान में उतर रही हैं. 2004 में वह मंडी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. 2009 में वीरभद्र सिंह मंडी से सांसद जीते थे. इसके बाद में 2013 के उपचुनाव में फिर से प्रतिभा सिंह को जीत मिली थी. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रतिभा सिंह को राम स्वरूप शर्मा से हार का सामना करना पड़ा था. राज परिवार का कोई सदस्य पहली बार बिना पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के चुनावी मैदान में उतरने जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस और प्रतिभा सिंह के लिए ये खालीपन जरूर खलेगा.
अर्की विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व प्रत्याशी रतन पाल सिंह पर ही भरोसा जताया है. रतन पाल सिंह 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह से सात हजार से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. रतन पाल सिंह वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसके अलावा स्टेट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड (State Cooperative Development Federation Limited) के चेयरमैन भी रहे. संजय अवस्थी वर्तमान में पीसीसी महासचिव हैं और लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं. अवस्थी ने एलएलबी तक पढ़ाई की है वर्तमान में अपना व्यवसाय भी संभाल रहे हैं.
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