किन्नौर: किन्नौर जिले में इन दिनों शीतलहर का कहर (Nako lake of Kinnaur) जारी है. दिसंबर माह में हुई बर्फबारी से जिले का तापमान शून्य के नीचे चला गया है. ठंड इतनी बढ़ चुकी है कि जिले में तेज ठंडी हवाओं से वातावरण काफी ठंडा हो गया है और जिला में पीने के पानी के जलस्त्रोत तक (Nako lake froze due to snowfall) जम चुके हैं.
जिला में दिसंबर माह में अत्यधिक ठंड के चलते जिला के नदी नाले जम चुके हैं और जिला के 12 हजार फीट ऊंचे पर्यटन क्षेत्र नाको गांव की सबसे प्रसिद्ध नाको झील भी इन दिनों पूरी तरह जम चुकी है. इस झील के पानी की परत पूरी तरह पत्थर हो चुका है. जिसके ऊपरी तरफ इन दिनों पर्यटक स्केटिंग का (Tourist started reaching Kinnaur) आनंद ले रहे हैं.
वहीं, स्थानीय ग्रामीण यहां पर फुटबॉल भी खेल रहे हैं. नाको झील हर वर्ष दिसंबर माह के आसपास जम जाती है. ऐसे में झील के समीप बसा नाको गांव रात्रि के समय काफी ठंड हो जाता है. इस दौरान यदि कोई व्यक्ति झील के आसपास जाने की कोशिश करता है, तो उसके बीमार होने की पूरी संभावना (Tourists places in Kinnaur) बन जाती है.
जिला की नाको झील एक (Snowfall in Himachal) प्राकृतिक झील है. जिसे जिला किन्नौर की सबसे पवित्र झील भी माना जाता है. नाको के ग्रामीण हर वर्ष इस झील की पूजा करते हैं और इसके पवित्र जल का प्रयोग पूजा पाठ में भी किया जाता है. इस झील की गहराई का अबतक किसी (Skating at nako lake kinnaur) को पता नहीं है और हर वर्ष झील जमने (water froze due to snowfall) के बाद पर्यटकों समेत स्थानीय लोग यहां पर आनंद लेते दिखते हैं.
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