शिमला: नगर निगम शिमला ने कर्मचारियों को छह फीसद डीए राज्य सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर ही निगम के कर्मचारियों को डीए दिया जाना है. नियमों के तहत ये देने से पहले निगम की वित्त कमेटी व हाउस की मंजूरी के बाद ही ये कर्मचारियों को दिया जाता है. मंगलवार को वित्त कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया. इसके अलावा नगर निगम के दैनिक कर्मचारियों से लेकर अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला लिया है. वहीं, निगम में 1989 से लेकर 1995 तक एडहॉक पर लगे कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला लिया है.
बैठक में शहर में निगम की पार्किंग में जियो के टावर लगाने की मंजूरी दे दी है. इसमें वित्त कमेटी ने शर्त रखी है कि इससे शहर की सुंदरता प्रभावित नहीं होनी चाहिए. इससे निगम को आय मिल सकेगी. वहीं, निगम के किराएदार या लीजधारक के साथ दस्तावेज अगली पीढी से बन सकेंगे. यदि वे दस्तावेज पेश कर सकें. निगम ने लंबे समय से लीजधारक के देहांत के बाद अगली पीढ़ी के नाम करार नहीं हो पा रहा था. इससे किराएदारों को परेशानी हो रही थी, साथ ही निगम को भी किराया नहीं मिल पा रहा था. अब इन्हें दस्तावेज देने के बाद इनके नाम करने का फैसला लिया है.
नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में मज्याठ वार्ड को सड़क बनाने के लिए रेल पटरी पर 1.47 करोड़ की लागत से पुल बनाने को मंजूरी दे दी है. इस मामले में रेलवे ने नगर निगम से प्रोजेक्ट की रिपोर्ट के साथ फंड की मंजूरी मांगी थी. निगम ने इसे हरी झंडी दे दी है, हालांकि अंतिम फैसला निगम के हाउस में लिया जाना है. शहर में निजी स्कूल को लीज पर जमीन फिर से देने के विवादित मामले पर मंगलवार को वित्त कमेटी की बैठक में चर्चा तो हुई, लेकिन फैसला हाउस पर छोड़ दिया है. इसमें भी रिपोर्ट हाउस के समक्ष रखने की बात कहीं हैं. इस मामले में निजी स्कूल को दी गई भूमि की लीज खत्म हो गई है. अब इसे दोबारा दिया जाना है.