शिमला: हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. सरकार द्वारा इसकी जांच एसआईटी से जारी रखने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने के एसआईटी के दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही सरकार पर विपक्ष ने इस मामले को रफा-दफा करने के आरोप लगाए हैं. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला सीबीआई को देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यह मामला सीबीआई को नहीं दिया गया.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा और फरेब किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने काफी दिनों पहले इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआई को जांच में नहीं सौंपी गई और एसआईटी से ही जांच करवाई जा रही है. सरकार इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट बनाकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह मामला ऐसे ही खत्म होने वाला नहीं है. इसमें सरकार से लेकर पुलिस हेड क्वार्टर तक शामिल है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीते दिन एसआईटी द्वारा इसके किंगपिन को गिरफ्तार (Kingpin in Himachal Police Recruitment Paper Lake) करने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने का दावा किया गया, लेकिन सरकार यह बताए कि पेपर किसने सेट किया था और पेपर प्रिंटिंग प्रेस तक कौन लेकर गया. यह जिम्मेदारी किसकी बनती थी और यह पेपर कैसे लीक हो गया. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की थी, लेकिन सरकार ने इसकी जांच के लिए भी पुलिस अधिकारी ही लगाए गए और पुलिस अधिकारी उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है, जिन्होंने पेपर खरीदा है. जबकि विपक्ष लगातार यह सवाल पूछ रहा है कि यह पेपर किसके द्वारा बेचा गया है यह करोड़ों का नहीं बल्कि अरबों का स्कैंडल है अब तक पुलिस के अधिकारी क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि होम डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास है ऐसे में मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने सीबीआई को मामला देने की बात कर दी, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी यह मामला सीबीआई को न देकर एसआईटी से ही जांच कराई जा रही है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार अब इस मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में है.