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Police recruitment paper leak: नेता प्रतिपक्ष ने SIT जांच पर उठाए सवाल, बोले- CM बताएं क्यों नहीं आई CBI - हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लेक में किंगपिन

हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) में कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमलावर है. इसकी जांच एसआईटी से जारी रखने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने के एसआईटी के दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, इस मामले में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला सीबीआई को देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यह मामला सीबीआई को नहीं दिया गया.

Mukesh Agnihotri on Police Recruitment paper leak case
पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में नेता प्रतिपक्ष ने SIT जांच पर उठाए सवाल.

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Published : Jun 2, 2022, 2:34 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले (Himachal Police Recruitment Paper Leak Case) को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. सरकार द्वारा इसकी जांच एसआईटी से जारी रखने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने के एसआईटी के दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही सरकार पर विपक्ष ने इस मामले को रफा-दफा करने के आरोप लगाए हैं. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला सीबीआई को देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यह मामला सीबीआई को नहीं दिया गया.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा और फरेब किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने काफी दिनों पहले इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआई को जांच में नहीं सौंपी गई और एसआईटी से ही जांच करवाई जा रही है. सरकार इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट बनाकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह मामला ऐसे ही खत्म होने वाला नहीं है. इसमें सरकार से लेकर पुलिस हेड क्वार्टर तक शामिल है.

पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में नेता प्रतिपक्ष ने SIT जांच पर उठाए सवाल. (वीडियो)

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीते दिन एसआईटी द्वारा इसके किंगपिन को गिरफ्तार (Kingpin in Himachal Police Recruitment Paper Lake) करने और प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने का दावा किया गया, लेकिन सरकार यह बताए कि पेपर किसने सेट किया था और पेपर प्रिंटिंग प्रेस तक कौन लेकर गया. यह जिम्मेदारी किसकी बनती थी और यह पेपर कैसे लीक हो गया. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की थी, लेकिन सरकार ने इसकी जांच के लिए भी पुलिस अधिकारी ही लगाए गए और पुलिस अधिकारी उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है, जिन्होंने पेपर खरीदा है. जबकि विपक्ष लगातार यह सवाल पूछ रहा है कि यह पेपर किसके द्वारा बेचा गया है यह करोड़ों का नहीं बल्कि अरबों का स्कैंडल है अब तक पुलिस के अधिकारी क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि होम डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास है ऐसे में मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने सीबीआई को मामला देने की बात कर दी, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी यह मामला सीबीआई को न देकर एसआईटी से ही जांच कराई जा रही है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार अब इस मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में है.

उन्होंने कहा कि यह मामला इतनी आसानी से दबने वाला नहीं है. कांग्रेस आज बैठक कर रही हो और उसमें इसको रणनीति तैयार की जाएगी और प्रदेश के 2 लाख युवाओं की हक की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार जिस तरह से एसआईटी से जांच करवा रही है, उसको न तो विपक्ष और न ही प्रदेश की जनता मानेगी. इस मामले की जांच सीबीआई से सरकार नहीं करवा सकती तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज से इस मामले की जांच करवाई जाए.

क्या है पूरा मामला:हिमाचल में 75 हजार से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थी. बाद में यह खुलासा हुआ कि कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक लिए, लेकिन उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड बहुत खराब था. वहीं से कांगड़ा पुलिस को शक हुआ और धांधली सामने आई. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की एवज में 8 से 10 लाख रुपए तक चुकाए हैं. कयास लगाया जा रहा है कि पेपर लीक होने के बाद कम से कम 2 हजार अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. इस तरह यह घोटाला डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का हो सकता है. अब हिमाचल के 75803 अभ्यर्थियों को दोबारा लिखित परीक्षा देनी होगी. यह भर्ती प्रक्रिया पुलिस कॉन्स्टेबल के 1334 पद भरने के लिए शुरू की गई थी.

हिमाचल में 27 मार्च को ली गई पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती परीक्षा का पांच अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था. प्रदेशभर के 81 केंद्रों पर 1334 पदों के लिए 75000 से अधिक युवाओं ने लिखित परीक्षा दी थी. परिणाम घोषित होने के बाद जिलों में चयनित युवाओं के दस्तावेजों की जांच का कार्य चल रहा था, कुछ जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जबकि कई जगह यह प्रक्रिया चल रही थी. चंडीगढ़ के पंचकूला में छपे इस पेपर को लीक करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस भी संदेह के घेरे में है. उधर कांगड़ा जिले के रैहन में चलने वाले एक कोचिंग सेंटर के संचालक से भी पुलिस ने पूछताछ की है. इस कोचिंग संस्थान के आठ युवाओं ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी.

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