शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में बिजली और पानी मुफ्त करने और महिलाओं (CM Jairam announcement on Himachal Day) को सरकारी बसों में 50 फीसदी किराया करने की घोषणा के बाद कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है और इन सभी घोषणाओं को सस्ती लोकप्रियता हासिल (Vikramaditya reaction to CM Jairam announcement) करना करार दिया है.
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रही सरकार-विधायक विक्रमादित्य सिंह ने (MLA Vikramaditya singh) कहा कि मुख्यमंत्री हताश और परेशान हैं और यही वजह है कि वह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह की घोषणाएं कर रहे हैं, जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएं की है अगर वही घोषणाएं वह सरकार बनने के पहले साल में करते और उन घोषणाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय प्रबंधन करवाते तो उसकी निश्चित तौर पर वे सराहना भी करते और समर्थन के साथ-साथ इस फैसले का स्वागत भी करते. लेकिन यह केवल चुनावी पैंतरे हैं और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
हिमाचल के मॉडल को छोड़ मुफ्तखोरी के मॉडल पर चल रहे जयराम-विक्रमादित्य ने कहा किडबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. प्रदेश में 69 नेशनल हाईवे बनने थे और मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी में बनना था लेकिन वह शुरू नहीं हुआ. इसके अलावा जो बड़े वादे रोजगार देने और कर्मचारियों से संबंधित किए थे वह वादे भी जयराम सरकार पूरा नहीं कर पाई है. सीएम जयराम खुद कहते थे कि प्रदेश में हिमाचल का ही मॉडल चलेगा लेकिन अब जो कुछ लोग बाहर से आकर मुफ्तखोरी की राजनीति की बात कर रहे हैं, उस मॉडल पर हिमाचल के मुख्यमंत्री भी चल पड़े हैं. सीएम जयराम द्वारा की गई घोषणाओं का कोई औचित्य ही नहीं है.
बिना बजट के घोषणाएं कर रहे सीएम जयराम-विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि (Vikramaditya reaction to CM Jairam announcement) मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बिना बजट के घोषणाएं कर रहे हैं. जिसका सीधा बोझ लोगों पर पड़ रहा है. इसका पैसा कोई भाजपा कार्यालय से नहीं आएगा बल्कि लोगों के टैक्स से ही निकाला जाएगा. एक तरफ परिवहन निगम के पास तनख्वाह देने के लिए कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं है, गाड़ियों की मरम्मत के लिए पैसे नहीं है, ऊपर से इतना बड़ा वित्तीय संकट प्रदेश सरकार ने निगम पर डाल दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने सवाल किया कि सीएम द्वारा घोषणाएं तो कर दी गई हैं, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा. सरकार इसका स्पष्टीकरण जनता को दे.