शिमला: हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती मामला प्रदेश सरकार के गले की फांस बन गया है. इस मामले की जांच के लिए सरकार ने हालांकि सीबीआई को सिफारिश भेजी है (Himachal police recruitment paper leak) लेकिन विपक्ष इस पर भी सवाल खड़े कर रहा है और मामले को दबाने के लिए सीबीआई से जांच करवाने की बात कर रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक रामलाल ठाकुर ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा कि सरकार ने पुलिस भर्ती मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, लेकिन पेपर लीक के जो मुख्य आरोपी हैं उनको पकड़ने के बजाए जिन्होंने पेपर खरीदा उन्हें पकड़ा जा रहा है.
प्रिंटिंग प्रेस वाला राजनीतिक नेता का रिश्तेदार, उस पर हो कार्रवाई:पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस पर सबसे बड़ा सवाल उठता है, लेकिन अब तक उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा (MLA Ramlal Thakur) कि प्रिंटिंग प्रेस वाला बड़े राजनीतिक नेता का रिश्तेदार है जिसकी वजह से अभी तक उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. यह प्रिंटिंग प्रेस वाला किसका रिश्तेदार है मुख्यमंत्री इसके बारे में स्थिति स्पष्ट करें.
मामले को दबाने के लिए CBI से जांच करवा रही सरकार:साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई ने गुड़िया मामले की भी जांच की थी उसमें आज तक कुछ नहीं हुआ और अब पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को भी रफा-दफा करने के लिए सरकार ने सीबीआई को इसकी जांच सौंपी है. उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है और प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. पुलिस भर्ती पेपर ही नहीं बल्कि इससे पहले भी कई भर्तियों पर सवाल खड़े हुए हैं.
नैना देवी मंदिर ट्रस्ट के पैसों पर भी उठाए सवाल: विधायक रामलाल ठाकुर ने नैना देवी के पूर्व विधायक (Naina Devi Temple Trust) पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नैना देवी मंदिर के ट्रस्ट के दो करोड़ यस बैंक में जमा करवाए गए और वहां से पूर्व विधायक के रिश्तेदार ने 5 गाड़ियों को फाइनेंस करवाया जो कि बिलासपुर भानुपाली रेल मार्ग निर्माण कार्य में लगाई गई है. उन्होंने कहा कि यस बैंक की ब्रांच नैना देवी में नहीं है तो ऐसे में मंदिर का पैसा यस बैंक में जमा करवाया गया इसकी जांच होनी चाहिए.
ये भी पढे़ं:पेपर लीक मामला: यूपी STF और हिमाचल पुलिस ने दो और लोगों को वाराणसी से दबोचा