शिमला: हिमाचल उपचुनावों में बड़ी हार के बाद अब प्रदेश के आला नेताओं का दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है. भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना के बाद संगठन मंत्री पवन राणा और अब दो कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह और रामलाल मारकंडा भी दिल्ली दरबार पहुंच गए हैं. दोनों कैबिनेट मंत्री फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी के दरबार में हैं और उनसे मुलाकात हुई है.
प्रदेश के राजनीतिक माहौल को देखते हुए प्रदेश कैबिनेट मंत्रियों की धड़कनें तेज हो गई हैं. सभी नेता अपनी-अपनी साख बचाए रखने में लगे हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है. भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक इसी महीने 25 तारीख के आसपास होने की उम्मीद है. इस बैठक में उपचुनावों में हार को लेकर मंथन होने की पूरी उम्मीद है.
प्रदेश में चार सीटों पर हुए उपचुनावों में हार की समीक्षा के भाजपा हाईकमान ने रिपोर्ट तलब की है. इसको लेकर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों को जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. उम्मीद लगाई जा रही है कि भितरघातियों की सूची और हार के अन्य कारणों की रिपोर्ट बनाकर हाईकमान को भेजी जाएगी. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उसके बाद हिमाचल में सरकार और संगठन के स्तर पर बड़ा बदलाव कर सकता है.
इसके अलावा बागियों, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल कार्यकर्ताओं और निष्क्रिय पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है. हाईकमान द्वारा समीक्षा रिपोर्ट तलब करने के आदेशों के बाद अब जुब्बल-कोटखाई, अर्की, फतेहपुर और मंडी के मंडल हार के कारणों की चर्चा कर रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके अलावा प्रत्याशियों से भी रिपोर्ट तलब की गई है. इसके लिए नीलम सरइक, रतन पाल सिंह, बलदेव ठाकुर और ब्रिगेडियर खुशाल सिंह अपनी रिपोर्ट पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष रखेंगे. यह रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष ही प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पेश करेंगे.
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