हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

इलाज के लिए अस्पताल जा रहे थे प्रवीण शर्मा, डीओ नोट पर साइन के लिए अड़ गया वोटर - हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र

हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र (Himachal Vidhan Sabha Monsoon Session) में पहले दिन सदन में चार दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जा रही थी. भाजपा के कद्दावर नेता प्रवीण शर्मा से जुड़ी यादों को सांझा करते हुए सदस्यों ने कई भावुक संस्मरण सुनाए. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वे दिल्ली में पत्रकारिता करते थे तो प्रवीण शर्मा ने उन्हें सलाह दी कि यहां क्या रखा है राजनीति में आओ. प्रवीण शर्मा के दमदार व्यक्तित्व को लेकर सदन में कई सदस्यों ने अपनी यादें सांझा की.

Mukesh Agnihotri Shared Memories related Praveen Sharma
प्रवीण शर्मा (फाइल फोटो).

By

Published : Aug 10, 2022, 7:56 PM IST

शिमला: जनप्रतिनिधि के जीवन में कई बार ऐसे क्षण आते हैं, जब परिस्थितियां बेहद जटिल हो जाती हैं. हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र (Himachal Vidhan Sabha Monsoon Session) में पहले दिन सदन में चार दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जा रही थी. भाजपा के कद्दावर नेता प्रवीण शर्मा से जुड़ी यादों को सांझा करते हुए सदस्यों ने कई भावुक संस्मरण सुनाए.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एक बार प्रवीण शर्मा बुरी तरह से बीमार हो गए. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे तो इलाके का एक वोटर आ गया. उसने कहा कि अस्पताल से आप न जानें कब आएं, लिहाजा मेरा डीओ नोट साइन करते जाओ. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रवीण शर्मा उन्हें समझाया करते थे कि कुछ समय अपने लिए भी रखा करो.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वे दिल्ली में (Mukesh Agnihotri remembers Praveen Sharma) पत्रकारिता करते थे तो प्रवीण शर्मा ने उन्हें सलाह दी कि यहां क्या रखा है राजनीति में आओ. प्रवीण शर्मा के दमदार व्यक्तित्व को लेकर सदन में कई सदस्यों ने अपनी यादें सांझा की. सदस्यों ने याद किया कि प्रवीण शर्मा खुद गाड़ी चलाने का शौक रखते थे और बहुत तेज गाड़ी चलाते थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित शोक उद्गार में भाग लेने वाले सभी सदस्यों ने प्रवीण शर्मा की मूछों की भी बात की.

मुकेश अग्निहोत्री ने जिस डीओ नोट साइन करने वाली घटना का जिक्र किया, उसे वन मंत्री राकेश पठानिया ने भी पुष्ट किया. राकेश पठानिया ने कहा कि जिस समय ये घटना हुई, वे प्रवीण शर्मा के साथ ही थे. उन्हें एपेंडेसाइट्स का अटैक आया था. अभी उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे कि उनके रिश्तेदारी में एक सरकारी कर्मचारी आ गया और डीओ नोट पर साइन करने के लिए जिद करने लगा. ऐसी परिस्थितियों में जब प्रवीण शर्मा दर्द से जूझ रहे थे तो उस सरकारी कर्मचारी के व्यवहार पर उन्हें बहुत क्रोध भी आया था. राकेश पठानिया ने कहा कि जन प्रतिनिधि के जीवन में ऐसे भी पल आते हैं. पठानिया ने बताया कि तभी प्रवीण शर्मा कहा करते थे कि जन प्रतिनिधि को अपने लिए भी समय निकालना चाहिए.

शोक उद्गार में अन्य वक्ताओं (Mukesh Agnihotri Shared Memories related Praveen Sharma) ने भी प्रवीण शर्मा के दबंग राजनीतिक जीवन और इलाके के विकास के प्रति समर्पण को याद किया. उनकी संगठन क्षमता के अलावा एमरजेंसी के समय जेल यात्राओं के बारे में भी सभी ने जिक्र किया. इसके अलावा सदन में पूर्व विधायक रूप सिंह चौहान व मस्तराम के राजनीतिक जीवन और प्रदेश के प्रति सेवाओं को याद किया गया.

ये भी पढ़ें-जब कर्मचारियों पर भड़के सीएम जयराम, नहीं सुनी यूनियन के अध्यक्ष की बात

ABOUT THE AUTHOR

...view details