शिमला:समर फेस्टिवल के दौरान शिमला शहर (summer festival shimla) में जगह जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह स्टाल लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्टाल लगाने के फैसले के विरोध में कारोबारी उतर आए हैं और बाहरी राज्यों के लोगों को वहां पर स्टाल न लगाने देने की मांग कर रहे हैं. बुधवार को पूर्व पार्षद सहित कुछ कारोबारी डीसी ऑफिस पहुंचे और एडीसी को ज्ञापन सौंपकर स्टाल न लगाने की मांग की.
बाहरी राज्यों के लोगों के न लगें स्टाल, स्थानीय कारोबारियों का होता है नुकसान: पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान - himachal pradesh news
समर फेस्टिवल के दौरान शिमला शहर (summer festival shimla) में जगह जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह स्टाल लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्टाल लगाने के फैसले के विरोध में कारोबारी उतर आए हैं और बाहरी राज्यों के लोगों को वहां पर स्टाल न लगाने देने की मांग कर रहे हैं. पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान का कहना है कि बाहरी राज्यों के कारोबारी आकर इन अहम जगहों पर स्टाल लगाएंगे. जिससे स्थानीय कारोबारियों को नुकसान होता है. दो साल बाद पर्यटन सीजन पटरी पर लौटा है. ऐसे में शहर के कारोबारियों को घाटे से उबरने की उम्मीद बंधी है. ऐसे में बाहरी लोगों के फूड स्टाल नहीं लगने चाहिए.
पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान का कहना है कि नगर निगम द्वारा 2019 में मासिक बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था कि शिमला शहर में बाहरी राज्यों के व्यापारियों के लिए कोई भी स्टाल नहीं लगाई जाएंगे. केवल सरकारी योजनाओं के ही स्टाल लगाए जा सकते हैं, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा समर फेस्टिवल को देखते हुए शहर में 200 से भी अधिक स्टाल लगाए जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने रिज, मालरोड जैसी अहम जगहों पर फूड स्टाल लगाने के लिए आवेदन मांगे हैं. यह स्टाल छह जून तक लगने हैं.
पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बाहरी राज्यों के कारोबारी आकर इन अहम जगहों पर स्टाल लगाएंगे. जिससे स्थानीय कारोबारियों को नुकसान होता है. दो साल बाद पर्यटन सीजन पटरी पर लौटा है. ऐसे में शहर के कारोबारियों को घाटे से उबरने की उम्मीद बंधी है. ऐसे में बाहरी लोगों के फूड स्टाल नहीं लगने चाहिए. इसको लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है और स्टाल बाहरी राज्यों के कारोबारियों को न देने और स्टाल को स्थानीय कारोबारियों को देने की मांग की गई है.