शिमला:नशा निवारण बोर्ड और राज्य कर एवं आबकारी विभाग (State Taxes and Excise Department Himachal) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में नशा नहीं करने का संदेश दिया गया. कार्यक्रम में सीएम जयराम ठाकुर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे. राजस्व विभाग साल भर शराब की बिक्री (liquor sales in himachal) से करीब 1829 करोड़ का राजस्व अर्जित कर लेता है.
स्पेशल टास्क फोर्स का गठन: सीएम ने टास्क फोर्स का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता डीजीपी संजय कुंडू करेंगे. इस स्पेशल टास्क फोर्स में एक्साइज विभाग और नशा निवारण बोर्ड के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों का सहयोग भी लिया जाएगा. सीएम ने इस मौके पर ड्रग डिडक्शन किट का वितरण भी किया गया.
सीएम जयराम ठाकुर. (वीडियो.) राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम (Meeting of Drug Prevention Board) में लघु नाटकों का आयोजन भी किया गया. इन नाटकों के मख्यम से शराब न पीने (Say No To Drugs) और चिट्टे जैसे नशे के बचने का संदेश दिया गया. कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, नशा निवारण बोर्ड के कनवीनर ओम प्रकाश शर्मा के अलावा विधायक विनोद कुमार, विशाल नेहरिया, हिम्फेड के चेयरमैन गणेश दत्त भी मौजूद रहे.
सरकार ने जब्त की नशा तस्करों की 20 करोड़ रुपये की संपत्ति: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ड्रग्स की अधिकतम मात्रा पकड़ी गई और सबसे अधिक मामले दर्ज किए. प्रदेश सरकार नशा निवारण की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. जिन लोगों के पास एकदम से अधिक संपत्ति आई उनकी संपत्ति की जांच भी की गई. प्रदेश में पहली बार नशा तस्करों की संपत्ति भी जब्त की गई और अबतक 20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई है, लेकिन नशा आज के दौर में विश्व संकट है. सीएम ने कहा कि तकनीक की वजह से नशा तस्कर नशे के विस्तार को लगे हैं.
एक तरफ नशा रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान जारी है. वहीं, दूसरी तरफ नशा तस्कर (Drug smuggling in Himachal) भी नशा बढ़ाने के लिए तकनीक के माध्यम से जूट हुए हैं. हिमाचल में नशे के एक हजार से अधिक मामले पुलिस के पास दर्ज हैं, लेकिन पकड़े गए अधिकांश लोग पड़ोसी राज्यों के हैं. सीएम ने इस दौरान नशा रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ हुई बैठक का जिक्र भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नशे के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है. जब तक हर व्यक्ति यह जिम्मेदारी नहीं लेता कि में नशा नहीं करूंगा और दूसरों को नहीं करने दूंगा तब तक नशे की प्रवृत्ति नहीं रुक सकती.
कार्यक्रम में मौजूद स्कूली बच्चों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा नशा तस्करों के निशाने पर सबसे अधिक ऐसे संस्थान रहते हैं जहां अधिक संख्या में युवा होते हैं. ऐसे में परिजनों को अपने बच्चों पर नज़र रखनी जरूरी हो गया है. बच्चा कब स्कूल से घर आ रहा है और किन लोगों के साथ रहता है यह जानना भी बेहद जरूरी है.
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