शिमला:कच्ची घाटी में असुरक्षित भवनों को गिराने से पहले आईआईटी मंडी और एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञों की राय लेने का नगर निगम ने फैसला लिया है. यदि उनकी रिपोर्ट में तकनीकी तौर पर इन भवनों को बचाने के लिए कोई रास्ता निकलता है तो उस पर भी नगर निगम विचार करेगा. यदि इनकी रिपोर्ट में भी भवन असुरक्षित पाए जाते तो इन्हें बचाना खतरे से खाली नहीं रहेगा. ऐसे भवनों को तोड़ने का ही फैसला लिया जाएगा.
एक भवन मालिक को शुक्रवार को न्यायालय से अस्थाई राहत मिली. इसके मुताबिक 8 हफ्ते में नगर निगम को इसे न तोड़ने के लिए कहा गया. इसमें भवन मालिक को साफ कहा गया है कि किसी भी तरह से भवन के अंदर कोई भी व्यक्ति ना जाए. इसमें किसी तरह की व्यवसायिक गतिविधि न हो. यदि कुछ ऐसा होता और भवन क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी निजी तौर पर भवन के मालिक की होगी. होटल चला रहे भवन मालिक को यह राहत न्यायालय की ओर से दी गई.