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मतियाना छात्र संगठन का वार्षिक समारोह, शिमला गेयटी थियेटर में हिमाचली नृत्य के मुरीद हुए दर्शक - हिमाचल के पारंपरिक नृत्य

राजधानी शिमला स्थित गेयटी थियेटर में मतियाना छात्र संगठन (matiana student organization annual function) ने वार्षिक समारोह का आयोजन किया. इस दौरान छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में चोलटू और ठोड़ा नृत्य पेश किया, जिसे वहां मौजूद लोगों ने खूब सराहा. कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में विशाल सकलानी पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से आपसी भाई चारा बना रहता है.

matiana student organization annual function
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Published : Dec 29, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 6:17 PM IST

शिमला: गेयटी थियेटर में कोरोना महामारी के दो साल बाद गेट टू गेदर का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को मतियाना छात्र संगठन (matiana student organization annual function) की ओर से गेयटी थियेटर में वार्षिक समारोह (Gaiety Theater shimla) का आयोजन किया गया. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में चोलटू व ठोड़ा पारंपरिक नृत्य (traditional folk dance of himachal) गेयटी थियेटर में उपस्थित सभी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. लोगों ने मतियाना छात्र संगठन की इस प्रस्तुति को खूब सराहा.

बाहरी राज्यों से शिमला घूमने आए पर्यटकों ने भी इस नृत्य को अपने कैमरों कैद किया. वहीं, छात्रों संगठन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया. इसमें लड़कियों की नाटी, लडकों व लड़कियों के डांस, वेस्टर्न डांस आदि प्रस्तुत किया गया. इस कार्यक्रम में विशाल सकलानी ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत हुई. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित के साथ की.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पहाड़ी कलाकार रहे. उनकी नाटियों ने थियेटर में धमाल मचाया. इसमें सुरेश शर्मा, रोशनी शर्मा व विवेक राजटा ने अपने मधूर आवाज से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. वहीं, छात्रों की ओर से वेस्टर्न डांस, सोलो डांस, डांडिया, पहाड़ी नाटी आदि की मनमोहक प्रस्तुति दी गई. समारोह के आखिर में विशाल सकलानी ने मतियाना छात्र संगठन के वार्षिक समारोह की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से आपसी भाई चारा बना रहता है. वहीं, अपनी संस्कृति को भी दिखाने का मौका मिलता है.

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आधुनिक युग में वेस्टर्न कल्चर का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण अपनी संस्कृति कहीं न कहीं पीछे छूटती जा रही है. उन्होंने बच्चों को अपनी संस्कृति के प्रति सजग रहने की सलाह दी. वहीं, मतियाना छात्र संगठन के प्रधान मनोज रायटा ने कहा है कि दो साल बाद हमे कार्यक्रम करने का मौका मिला है. इससे पहले कोरोना की वजह से हम अपना कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि ठोड़ा व चोलटू नृत्य मतियाना का मुख्य नृत्य है. इस नृत्य को करने के लिए काफी जगह की जरूरत होती है. मगर जगह कम होने पर भी हमने अपने पारंपरिक वेशभूषा में इस नृत्य को प्रस्तुत किया है.

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Last Updated : Dec 29, 2021, 6:17 PM IST

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