शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference) के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि वह देश की विधान सभाओं में शून्य काल (Zero Hour in Legislative Assemblies) की परंपरा लागू करने के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि देश में विधान मंडलों की कार्यप्रणाली में समरूपता लाने के उद्देश्य से आदर्श नियमावली बनाने का प्रयास किया जाएगा. यह नियमावली संसद में चर्चा के बाद बनाई जाएगी.
आदर्श नियमावली को देश की विधान सभाओं को भेजा जाएगा. देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पंचायतों से लेकर नगर निगम तक इनके संसद को सुचारू रूप संचालित हो और वहां भी जनता की अपेक्षाएं पूरी हो इसके लिए संसद एक नियमावली बनाएगा, लेकिन इसके लिए वहां के विधानमंडल प्रदेश की सरकारों से चर्चा कर वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए नियमावली बनाएगा. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में यह संकल्प भी पारित किया गया कि संसद और विधानमंडल जो सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) को सार्वजनिक करते हैं उनको वन नेशन वन लेजिस्लेटिव (One Nation One Legislative) के तहत एक प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा. ताकि संपूर्ण देश की जनता एक प्लेटफॉर्म पर तमाम विधानमंडलों की चर्चा एक प्लेटफॉर्म पर देख सके.
ओम बिड़ला ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से होगा. सत्र को सुचारू संचालन के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश से विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूर हो गई है. उन्होंने कहा कि विधान मंडलों में समयानुसार बदलाव की आवश्यकता है. समय के मुताबिक इसके नियमों में बदलाव होना चाहिए. नियमों में बदलाव का नेतृत्व संसद करेगी.