शिमला:देश भर में लोहड़ी का पर्व धूमधाम (Lohri Festival celebrate in himachal) से मनाया जा रहा है. राजधानी शिमला में गुरुवार को लोहड़ी पर्व पर (Lohri Festival 2022) बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगी हुई है. बाजारों में जगह-जगह पर लोग गुड़, तिल, गजक और रेवड़ी के स्टालों पर लोगों ने दिनभर खरीदारी की. वहीं, महिलाएं सूखे मेवे और घी से बनी पंजीरी की खरीदारी करती हुईं नजर आईं. ठंड के दिनों में गर्म तासीर देने वाले ये सूखे मेवे लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं.
बाजार में तिल और गुड़ के लड्डू 200 रुपये से लेकर एक हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं. वहीं, किशमिश, तिल, मूंगफली और चने वाली गजक 100 से लेकर 500 रुपये प्रति किलो बिक रही है. हालांकि, बाजार में इन चीजों में पिछले साल के मुकाबले दाम बढ़े हुए हैं, लेकिन त्योहार के चलते लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं. बाजार में दुकानदारों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से सुबह 10 से शाम 7 बजे तक दुकानों के खोलने का निर्देश दिया गया है. जिससे दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. उनका कहना था कि लोग 5 बजे के बाद ही घर जाना शुरू हो जाते हैं, ऐसे में उनके आधे सामान ही बिक पा रहे हैं.
क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में ये पर्व मनाया जाता है. इसके अलावा ये भी मान्यता है कि सुंदरी और मुंदरी नाम की लड़कियों को सौदागरों से बचाकर दुल्ला भट्टी ने हिंदू लड़कों से उनकी शादी करवा दी थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में इस पर्व को मनाया जाता है.