सोलन: देश में कई ऐसे नेता हुए है जो राजनीति में अलग छाप छोड़ते आये हैं, लेकिन जब भी लोगों के दिलों के राजा की बात की जाएगी तो हमेशा वीरभद्र सिंह का नाम लोगों को जहन में आ जाता है. हिमाचल के हर एक गांव का एक समान विकास करने वाले और आधुनिक हिमाचल के निर्माता की जब भी बात होगी तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम जरूर आएगा.
आज भले ही राजा वीरभद्र सिंह इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उनके विकास की गाथा हिमाचल में हमेशा गूंजती रहेगी. आज हम वीरभद्र सिंह की कुछ बातें आपके साथ सांझा करने जा रहे हैं जो उन्होंने ईटीवी भारत के सोलन सवांददाता से जनवरी 2021 में कुठाड़ में कही थी. उस समय ये बातें अनौपचारिक तरीके से कैमरे में कैद तो हो गई लेकिन कभी मीडिया में नहीं आ सकी.
राजा वीरभद्र सिंह का कहना था कि वे बचपन से ही हंसमुख और अनुशासित रहे हैं, स्कूल समय में कभी उन्हें अध्यापकों से मार नहीं पड़ी, वे स्कूल में हमेशा शांत स्वभाव से पढ़ाई किया करते थे. उन्होंने कहा कि जो उनके अध्यापक उन्हें करने के लिए कहा करते थे वो सिर्फ वही किया करते थे. वीरभद्र सिंह का कहना था कि उन्होंने कभी अपने माता पिता से मार नहीं खानी पड़ी, ना ही उन्होंने अपने बच्चों पर कभी हाथ उठाया, बस डांट जरूर दिया करते थे ताकि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो सके.
उस समय कुठाड़ महल में हुई वो बातें एक याद बन गई, लेकिन जो बात उस समय राजा वीरभद्र सिंह ने कही वो उनके जीवन की पूरी कहानी बयां कर गयी. राजा वीरभद्र सिंह हिमाचल के कांग्रेस नेताओं के साथ भाजपा नेताओं के भी प्रेरणास्रोत रहे हैं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उनका प्रेरणास्रोत कौन है तो बिना झिझके उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री का नाम लिया.