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शिक्षा के मुद्दे पर गरमाया सदन, पूर्व सीएम बोले- एजुकेशन को बोझ समझ रही सरकार

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछली सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ और पांच साल तक शिक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया. पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार ने जरूरत के मुतबिक ही स्कूल कॉलेज खोले थे और अब कहीं स्कूल खोलने की जरूरत नहीं है.

बजट सत्र के आखिरी दिन अपना पक्ष रखते शिक्षा मंत्री

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Published : Feb 18, 2019, 5:07 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर पक्ष और विपक्ष में तीखीं नोकझोक हुई है. स्कूल कॉलेज खोलने पर जहां पक्ष द्वारा विपक्ष पर आरोप लगाए गए तो वहीं विपक्ष ने सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र को अनदेखा करने का आरोप लगाया हैं.

बजट सत्र के आखिरी दिन अपना पक्ष रखते शिक्षा मंत्री

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछली सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ और पांच साल तक शिक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया. सरकार ने स्कूल कॉलेज खोलने पर जोर दिया और एक लाख बजट का प्रावधान कर कॉलेज खोला गया.

बजट सत्र के आखिरी दिन अपना पक्ष रखते शिक्षा मंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थान खुलने चाहिए लेकिन राजनीतिक आधार पर नहीं . विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सरकार में छोटे नेता भी खड़े होकर राजा साहब के कॉलेज की मांग की और कॉलेज खोल दिए गए, शिक्षण संस्थान खोलने के पैरामीटर नहीं होना चाहिए.

वहीं, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार शिक्षा को बोझ समझ रही है और शिक्षा पर पैसा नही खर्च कर रही है. सरकार प्रदेश में नए स्कूल्स कॉलेज खोलने के बजाय उसे बंद करने में लगी है लेकिन लोगों और कोर्ट के दखल के चलते इन्हें स्कूल्स खोलने पड़ रहे हैं.

पूर्व सीएम ने कहा कि किसी भी सरकार का शिक्षा को लेकर ऐसा रवैया नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार ने जरूरत के मुतबिक ही स्कूल कॉलेज खोले थे और अब कहीं स्कूल खोलने की जरूरत नहीं है.

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