शिमला: हिमाचल प्रदेश के सेब सेंटर (Apple Center of Himachal Pradesh) के नाम से विख्यात शिमला जिले में लाखों की कीमत का हाई क्वालिटी सेब कोल्ड स्टोर (High Quality Apple Cold Store in Shimla) प्रबंधन की लापरवाही से खराब हो गया. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (himachal pradesh high court) ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. शिमला जिला के ठियोग में निजी सेक्टर में एक कोल्ड स्टोर स्थापित किया गया है. हिम एग्री फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड के नाम से स्थापित कोल्ड स्टोर में लापरवाही के कारण सेब बर्बाद हो गया. लाखों रुपए के सेब खराब होने से नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित लोगों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की अगुवाई वाली खंडपीठ ने मोहन ऑर्चर्ड व राजेंद्र मेहता व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार के बागवानी विभाग से जवाब तलब किया है. याचिकाओं में दिए तथ्यों के अनुसार हिमाचल में हिम एग्री फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड को कोल्ड स्टोर (cold store in himachal) स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने 80 प्रतिशत सब्सिडी दी थी. इतना ही नहीं, कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए भूमि भी लीज पर भी दी गई.
प्रार्थियों का आरोप है कि हाई क्वालिटी सेब, जिसकी कीमत लाखों रुपए थी, उसे पिछले साल सितंबर व अक्टूबर में हिम एग्री फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड के कोल्ड स्टोर में रखा गया था. इस साल मई में जब प्रार्थियों ने कोल्ड स्टोर में रखे गए सेब को मांगा तो पाया कि कुछ सेब सूख गए हैं और कुछ खराब हो गए हैं. याचिका कर्ताओं का आरोप है कि यह सेब प्रतिवादी कंपनी की लापरवाही से खराब हुए हैं. राज्य सरकार ने प्रतिवादी कंपनी को कोल्ड स्टोर खोलने के लिए 80 फीसदी सब्सिडी की राहत के साथ साथ लीज पर भूमि भी मुहैया करवाई.
अब यह स्थिति है कि प्रतिवादी कंपनी प्रदेश के सेब बागवानों से धोखा कर रही है. प्रार्थियों के लाखों रुपए की कीमत के सेब कोल्ड स्टोर प्रबंधन की गल्ती से बर्बाद हो गए. प्रार्थियों ने प्रदेश उच्च न्यायालय से यह गुहार लगाई है कि उन्हें न्याय दिया जाए और प्रतिवादी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए जाएं. इसके अलावा राज्य सरकार को कोल्ड स्टोर के निरीक्षण के लिए कमेटी का गठन करने के आदेश भी दिए जाएं.