शिमला: पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (know who is anand sharma) का हिमाचल की राजनीति में बड़ा नाम है. आनंद शर्मा कांग्रेस के एक वरिष्ठ राजनेता हैं, उनका जन्म 5 जनवरी 1953 को शिमला में हुआ था. आनंद शर्मा ने कांग्रेस के छात्र विंग NSUI के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया. इसके बाद, वे भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने.1982 में शिमला शहर से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया और पहली बार साल 1984 में हिमाचल प्रदेश से 31 साल की उम्र में राज्यसभा के लिए चुने गए थे.
अक्टूबर 2004 से जनवरी (Anand Sharma Carrier) 2006 तक विदेश मंत्रालय (Congress leader Anand Sharma resigns) में राज्यमंत्री रहे. जिसके बाद 2009 से 2014 तक दूसरी मनमोहन सरकार में वह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री थे. इन्हें गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता है. वह राजीव गांधी के दौर से गांधी परिवार के साथ थे. हालांकि पिछले दिनों उन्होंने पार्टी में बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी. जिसके बाद गांधी परिवार से दूरियां बढ़ गई हैं.
वीरभद्र और आनंद शर्मा में पूर्व में रह चुकी खूब तनातनी: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में स्व. वीरभद्र सिंह के बाद आनंद शर्मा बड़े नेता माने जाते हैं. वीरभद्र सिंह जब प्रदेश में मुख्यमंत्री थे और आनंद शर्मा केंद्र में मंत्री थे तो उस दौरान दोनों में कई बार तनातनी रह चुकी है. हालांकि, आनंद शर्मा को राजनीति में आगे बढ़ाने में शुरुआत में वीरभद्र सिंह का ही हाथ रहा है, लेकिन आनंद शर्मा की हाईकमान से नजदीकी के बाद दोनों के संबंध तनातनी वाले रह चुके हैं.
हालांकि चुनावों के समय आनंद शर्मा काफी सक्रिय रहते थे और टिकट (all about anand sharma) आवंटन में भी उनका काफी हस्तक्षेप रहता था और वे अपने समर्थकों के लिए प्रचार भी करने आते थे और उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया जाता रहा है. अभी हाल में हुए उपचुनाव में भी आनंद शर्मा प्रचार करने पहुंचे थे. वहीं, हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में बड़े नेता के तौर पर आनंद शर्मा को देखा जा रहा था और ये भी कयास लागए जा रहे थे कि आनंद शर्मा भी सीएम का चेहरा हो सकते हैं.
आनंद शर्मा के समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफे से बढ़ेगी मुश्किलें: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) से तीन महीने पहले आनंद शर्मा का हिमाचल प्रदेश इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से कांग्रेस में हलचल मच गई है. आनंद शर्मा हिमाचल की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं और कांग्रेस में काफी ज्यादा उनका प्रभाव है. आनंद शर्मा भले ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही सक्रिय रहे हैं, लेकिन प्रदेश में आनंद शर्मा (Anand Sharma Himachal Pradesh) का शुरू से अलग से एक गुट सक्रिय रहा है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित (who is anand sharma) कई नेताओं पर शुरू से आनंद शर्मा का हाथ रहा है. सुखविंदर सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने और उसके बाद कुलदीप राठौर को भी उन्होंने ही अध्यक्ष बनाया था और चुनावों के समय अपने समर्थकों के लिए लड़ाई भी लड़ते रहे हैं, लेकिन अब जिस तरह से विधानसभा चुनावों को लेकर उन्हें नजर अंदाज करने के चलते हिमाचल कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. जिससे कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.
ये भी पढे़ं-आनंद शर्मा ने दिया हिमाचल संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, बढ़ सकती है कांग्रेस की मुश्किलें