शिमला:कश्मीर, नोएडा और अन्य इलाकों में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. जम्मू-कश्मीर के कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग में भूंकप के तेज झटके महसूस किए गए है. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए. लोगों के मुताबिक जमीन काफी तेज हिली थी जिस वजह से सभी डर गए. बताया जा रहा है कि रिक्टर स्केल पर 5.7 की तीव्रता वाला भूकंप आज सुबह 9:45 बजे अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में आया. भूकंप से अभी किसी तरह के जान माल के खतरे की खबर सामने नहीं आई है.
इससे पहले 14 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.3 रही थी. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान ताजिकिस्तान बॉर्डर पर बताया जा रहा था. वहीं, चंड़ीगढ़ में भी झटके महसूस किए गए. भूवैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में साल 2021 में करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं. बता दें कि जिला चंबा में 2 फरवरी 2022 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 रही थी.
चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका- लाहौल स्पीति जिला और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.
1905 में कांगड़ा में आया था विनाशकारी भूकंप- हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गंवाई थी. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं, तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही का मंजर तैर जाता है.
अब सवाल ये है कि क्या आप जानते हैं कि भूकंप क्यों आता है और कैसे पता चलता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है.बता दें कि धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं, जो समय-समय पर इधर-उधर होती रहती हैं. प्लेटों के इस विस्थापन को भूकंप कहते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्यों आता है भूकंप-धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.