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SUICIDE रोकने के लिए पद यात्रा: महाराष्ट्र का खुमेश बोला- बहन की आत्महत्या ने झंकझोर दिया - Mental health activist

देश में बढ़ रहे आत्महत्याओं के मामलों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र से 5 हजार किलोमीटर तक का सफर तय करने निकले खुमेश पाटिल शुक्रवार (Khumesh Patil of Maharashtra) को राजधानी शिमला पहुंचे. उन्होंने अभी तक 1,665 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है. वह लगातार 23 दिनों से सफर करते हुए लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को लेकर जागरुक कर रहे हैं.

खुमेश पाटिल
खुमेश पाटिल

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Published : Jul 9, 2022, 11:50 AM IST

Updated : Jul 9, 2022, 12:03 PM IST

शिमला:देश में बढ़ रहे आत्महत्याओं के मामलों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र से 5 हजार किलोमीटर तक का सफर तय करने निकले खुमेश पाटिल शुक्रवार (Khumesh Patil of Maharashtra) को राजधानी शिमला पहुंचे. उन्होंने अभी तक 1,665 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है. वह लगातार 23 दिनों से सफर करते हुए लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को लेकर जागरुक कर रहे हैं.

5 हजार किलोमीटर का सफर तय करने निकले खुमेश पाटिल शिमला के बाद मनाली, लेह, लद्दाख, श्रीनगर, पठानकोट, जम्मू, लुधियाना, राजस्थान, बीकानेर, जयपुर होते हुए जोधपुर, उदयपुर और गुजरात में अहमदाबाद, सूरत तक अपना सफर तय करेंगे. खुमेश पाटिल ने बताया कि वे एक मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट (Mental health activist) हैं और वह महाराष्ट्र के दोंडाईचा जिले के एक छोटे से गांव झूला के रहने वाले है. उन्होंने बताया कि वह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए 5 हजार किलोमीटर के इस सफर पर निकले हैं.

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 5 हजार KM के सफर पर निकले खुमेश पाटिल.

जब खुद डिप्रैशन का शिकार हुए खुमेश: उन्होंने कहा कि देश में लोग अभी तक मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं. आए दिन लोग डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे में लोगों तक ये जानकारी पहुंचाने के लिए वे इस सफर पर निकले हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा तब मिली जब 2 साल पहले उनके चाचा की लड़की ने घर में आत्महत्या कर ली थी, जो की उनकी ही उम्र की थी. चाचा की लड़की की मौत के बाद उन्हे बहुत बड़ा सदमा लगा था. जिसकी वजह से वह डिप्रैशन में चले गए थे और गांव में मेंटल हेल्थ के इलाज के लिए किसी भी तरह का उपचार नहीं था.

ऐसे में उनके एक मित्र ने उन्हें एक साइकोलॉजिस्ट के पास रेफर किया, जिसके बाद वह 3 महीने में ठीक हो गए. ठीक होने के बाद उन्होंने यह सोचा की अब वह लोगों को भी मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को लेकर जागरूक करेंगे. अपने इसी मकस्द को पूरा करने के लिए वह इस सफर पर निकले हैं.

Last Updated : Jul 9, 2022, 12:03 PM IST

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