शिमला: Karwa Chauth 2022: करवा चौथ का दिन हरेक सुहागिन महिला के लिए काफी खास होता है. इस दौरान कथा सुनने के साथ ही शुभ मुहूर्त में व्रत को शुरू करने और चांद देखने के साथ ही उद्यापन करने की भी महत्ता है. मगर इस बार क्या उद्यापन करना ठीक है, क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त, किन चीजों को व्रत के दौरान महिलाओं को खरीदना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए.
इस बारे में ईटीवी भारत ने बात की मध्य भारत के ज्योतिषाचार्य आचार्य शिव मल्होत्रा से. उनके मुताबिक व्रत के दौरान अगर महिलाएं शॉपिंग करना चाहती हैं और घर से बाहर जाना चाहती हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा. (karwa Chauth pujan samgri) (Karwa Chauth 2022 ka shubh muhurt date).
क्या है करवा चौथ व्रत 2022 का शुभ समय: करवा चौथ का दिन इस बार 13 अक्टूबर को आ रहा है. यह दिन खास होता है. इस दिन संकष्टी चतुर्थी है जो कि गणपति का खास दिन माना जाता है. लिहाजा शुभ समय में व्रत को शुरू करें. 12 अक्टूबर यानि बुधवार रात्रि में 2 बजकर 03 मिनट से व्रत शुरू हो रहा है. शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर गुरुवार रात 2 बजकर 58 मिनट तक चलेगा. लिहाजा पूरे विधि विधान के साथ इसी समय में व्रत को संपूर्ण करें.
करवा चौथ के दिन किन चीजों की खरीदारी से बचें: करवा चौथ कुछ खास वस्तुओं को भूलकर भी ना खरींदे. देखें पूरी लिस्ट.
- नुकीली चीजों के इस्तेमाल ना करें
- सुई-धागे का काम ना करें
- सिलाई-कढ़ाई ना करें
- पति या घर के किसी भी सदस्य के बटन ना टांके
करवा चौथ पर क्या खरीदना शुभ रहेगा: इस दिन लाल, हरे रंग की कांच की चूड़ियां खरीदें. इसे आपके वैवाहिक जीवन के लिए शुभ माना जाता है. शॉपिंग पर निकलें तो सुहागिनें सुहाग की कोई भी सामग्री ले सकते हीं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है बिछियाय श्रृंगार का सामान खरीदें और खुद न जाएं तो पतिदेव से मंगवाएं.
करवा चौथ की थाली में क्या रखें: घर में सबसे पहले शुद्धता का खास ख्याल रखें. घर में करवा जरूर लेकर आएं. मिट्टी के ही करवे का इस्तेमाल करें. इससे आपके घर में सुख शांति और समृद्धि आएगी. कम से कम थाली में 2 करवा होना ही चाहिए. इसके अलावा दीपक, एक छलनी, लोटा जो गोल आकार का हो जरूर रखें.
एक ग्लास भी रखें, इसी से पति अपनी व्रता पत्नी का व्रत तुड़वाएं. सिंदूर सबसे ज्यादा महत्व रखता है किसी भी सुहागिन के लिए लिहाजा इसे अपनी थाली में जरूर रखें. सिंदूर के अलावा कुमकुम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा थाली में मिठाई, चावल, कथा की किताव और फल-फूल भी रखें. चांद को अर्घ्य देते समय यह काम आता है.
करवा चौथ का उद्यापन कितना जरूरी: (karwa chauth udyapan vidhi) व्रत के दौरान कई महिलाएं जो कई सालों से इस व्रत को निर्जला रूप में रखती आ रही हैं वो उद्यापन भी करती हैं. आचार्य शिव मल्होत्रा की मानें तो जरूरी नहीं है कि सुहागिनें पूरी जिंदगी इस व्रत को करें. 16 साल तक निर्जला व्रत रखने वाली सुहागिनें इसका उद्यापन कर सकती हैं. करवा चौथ सीधे तौर पर चंद्रमा से जुड़ा लोक आस्था का पर्व है लिहाजा इसमें चांद को अर्ध्य देना प्रमुख होता है.
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