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शिमला में करुणामूलक संघ का अनशन 215 दिन से जारी, शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए किया सद्बुद्धि यज्ञ - करुणामूलक संघ जल शक्ति मंत्री

215 दिन से मांगों को लेकर शिमला में अनशन पर बैठे करुणामूलक संघ ने शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया. करुणामूलक संघ के सदस्य अजय कुमार ने (Karunamulak Sangh Protest in Shimla) कहा कि इस हवन के माध्यम से ईश्वर से प्रार्थना की गई कि सरकार व मंत्री करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला लें. इस संघर्ष में अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा करुणामूलक आश्रितों से मिलने नहीं आया न ही उनकी जानकारी ली गई.

Karunamulak Sangh Protest in Shimla
शिमला में करुणामूलक संघ का अनशन

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Published : Mar 1, 2022, 2:51 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 3:25 PM IST

शिमला:पिछले 215 दिन से शिमला के कालीबाड़ी के समीप रेन शेल्टर में अपनी मांगों को लेकर करुणामूलक आश्रित अनशन पर बेठे हैं. संघ मंत्रियों को सद्बुद्धि देने के लिए यज्ञ का आयोजन कर रहा है. जल शक्ति मंत्री महेंद्र ठाकुर के बाद मंगलवार को करुणामूलक संघ ने शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया और तीन मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में मांगे पूरी करने का अग्राह किया.

करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करुणामूलक संघ के क्रमिक अनशन के 215 दिन पूरे हो गए हैं और ये अब तक का सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला अनशन हैं. इतने दिन होने के बाद भी सरकार कोई सुध नही ले रही है. सरकार के मंत्रियों को भगवान सद्बुद्धि प्रदान करें. इसके लिए हवना किया जा रहा है. पहले जलशक्ति मंत्री को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया था और आज शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए यज्ञ किया गया.

शिमला में करुणामूलक संघ का अनशन.

इस हवन के माध्यम से ईश्वर से प्रार्थना की जाएगी कि सरकार व मंत्री जल्द करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला लें. अजय कुमार ने कहा कि इस संघर्ष में अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा करुणामूलक आश्रितों से मिलने नहीं आया न ही उनकी सुध ली गयी, यदि सरकार अभी भी इन करुणामूलक परिवारों के हित में कोई फैसला नहीं लेगी तो अब यह परिवार चुप नहीं बैठेंगे और आने वाले टाइम पर उग्र आंदोलन करेंगे.


अजय कुमार का कहना है कि सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है, जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में 4500 से ज्यादा मामले हैं. प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. हिमाचल इस तरह के सैकड़ों मामले हैं. हर रोज कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अश्वासन के सिवा कुछ हाथ नही लगा है.

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Last Updated : Mar 1, 2022, 3:25 PM IST

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