शिमलाः हिमाचल के मौजूदा सीएम जयराम ठाकुर शुक्रवार को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट 2020-21 पेश करने जा रहे हैं. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो ये हिमाचल सरकार का 56वां बजट होगा.
2019 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश के वित्त मंत्री के रूप में 44,387.73 करोड़ रुपये का दूसरा बजट पेश किया था, जबकि 2018 बजट 41,440 करोड़ रुपये का था. इस तरह से यह सात फीसदी यानी 2,948 करोड़ रुपये बढ़ा था.
सीएम जयराम ठाकुर ने अपने दूसरे बजट में 15 नई स्कीमों को लागू करने की भी घोषणा की थी. 2019-20 के लिए वार्षिक योजना का आकार 7,100 करोड़ रखा गया था.
इस बार भी आमजन को बजट से खासी उम्मीदें हैं. अब देखना ये होगा कि क्या सरकार हर वर्ग की उम्मीदों को ध्यान में रखकर बजट पेश करती है. क्या सरकार आमजन की उम्मीदों पर खरा उतर पाती है या नहीं.
गौरतलब है कि प्रदेश का पहला बजट हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को जाता है. डॉ. परमार ने 10 मार्च 1964 को प्रदेश का और अपने कार्यकाल के पहला बजट प्रस्तुत किया था. डॉ. परमार सड़कों को हिमाचल की भाग्य रेखा कहते थे, लिहाजा उनके बजट में सड़कों का निर्माण को प्राथमिकता मिलती थी.
डॉ. परमार ने आठ बार विधानसभा में बजट पेश किया. दिलचस्प बात यह है कि कर्म सिंह ने वित्तमंत्री के रूप में 6 बार बजट पेश किया है. कर्म सिंह एक मात्र ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया है. इनके अलावा सभी बजट मुख्यमंत्रियों ने ही पेश किए हैं. अधिकांश समय मुख्यमंत्रियों के पास ही वित्त विभाग रहा है.
ये भी पढ़ें-बजट से बागवानों को उम्मीद, सिंचाई-कोल्ड स्टोर और मार्केटिंग पर ध्यान देगी सरकार
ये भी पढ़ें-महिला दिवस विशेष: मिलिए देश की सबसे युवा पंचायत समिति अध्यक्ष प्रज्जवल बस्टा से