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हिमाचल की जनता के सामने 4 साल का लेखा-जोखा रखेगी जयराम सरकार, घोषणाओं को पूरा करने का दावा

कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में स्वर्णिम दृष्टि पत्र और चार साल के कार्यकाल का आकलन किया गया. बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के वर्ष 2021-22 से 65 वर्ष से 69 वर्ष आयु वर्ग की वरिष्ठ महिलाओं को यह वृद्धावस्था पेंशन बिना आय सीमा शर्त के 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने का फैसला लिया गया.

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मुख्यमंत्री, जयराम ठाकुर. (फाइल फोटो)

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Published : Nov 8, 2021, 7:47 PM IST

शिमला: चुनावी साल में जयराम सरकार चार साल का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच जाएगी. चुनाव से पूर्व भाजपा ने स्वर्णिम हिमाचल दृष्टिपत्र-2017 तैयार किया था. सरकार यह दावा कर रही है कि दृष्टि पत्र की अधिकांश घोषणाएं और वादे पूरे किए जा चुके हैं. सोमवार को कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में स्वर्णिम दृष्टि पत्र और चार साल के कार्यकाल का आकलन किया गया. हर विभाग से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा की गई और यह तय किया गया कि आने वाले समय में जयराम सरकार (Jairam Government) जनता के बीच अब तक किए गए विकास कार्यों को पहुंचाएगी.

सरकार ने मीटिंग के दौरान बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना (Social Security Pension Scheme) के वर्ष 2021-22 से 65 वर्ष से 69 वर्ष आयु वर्ग की वरिष्ठ महिलाओं को यह वृद्धावस्था पेंशन बिना आय सीमा शर्त के 1000 रुपये प्रतिमाह प्रदान की जा रही है. प्रदेश सरकार ने जनवरी 2018 से 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को बिना आयु सीमा शर्त के दी जाने वाली पेंशन के लिए आयु सीमा घटाकर 70 वर्ष कर दी है. वर्तमान में 70 वर्ष या अधिक आयु के वृद्धजनों को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन बिना आय सीमा के प्रदान की जा रही है. पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकार द्वारा 1,95,000 रुपये नये पात्र लाभार्थियों को पेंशन स्वीकृत की गई, जिस पर 2152.47 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं.

मीटिंग के फैसलों का जिक्र करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सशक्त महिला योजना के अन्तर्गत सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगम के वार्डों और नगर परिषदों में 3765 सशक्त महिला केन्द्रों का गठन किया जा चुका है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की मांगों और समस्याओं के लिए उनके प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से बैठकों का आयोजन किया जा रहा है.

वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4750 रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2021 में 7300 रुपये तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय वर्ष 2018 में 2400 रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2021 में 3800 रुपये तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय वर्ष 2018 में 3300 रुपये से बढ़ाकर 5200 रुपये किया है. कोचिंग योजना के अनुरूप हिमाचल के सभी वर्गों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा उतीर्ण करने पर 30 हजार रुपये की राशि प्रशिक्षण के लिए प्रदान करने का प्रावधान है. इस योजना के तहत वर्ष 2018-19 में 45, 2019-20 में 9 तथा 2020-21 में पांच लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका हैं.

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में अगस्त, 2020 के बाद 5557 पीटीए अध्यापकों, 3274 पैट अध्यापकों, 97 पैरा अध्यापकों और 148 ग्रामीण विद्या उपासकों को नियमित किया जा चुका हैं. 2555 एसएमसी अध्यापकों को 31 मार्च, 2022 तक सेवा विस्तार दिया गया है तथा 2021-22 के बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुसार इनके मानदेय में भी 500 रुपये की वृद्धि की गई है.
प्रदेश सरकार द्वारा महाविद्यालयों के 905 मेधावी छात्र-छात्राओं को वर्ष 2018 के लिए लैपटाॅप वितरित कर दिए गए हैं.

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शैक्षणिक सत्र 2018-19 तथा 2019-20 के लिए 1816 लैपटाॅप की खरीद प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम (Himachal Pradesh State Electronics Development Corporation) द्वारा जारी है. सभी सरकारी महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत 114 महाविद्यालयों में ये सुविधा प्रदान कर दी गई है. भारत नेट परियोजना के अन्तर्गत भी स्कूलों में इंटररनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सभी विद्यालयों के आधुनिकीकरण के दृष्टिगत समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 2131 स्कूलों में आईसीटी प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं तथा 418 स्कूलों के लिए टेंडरर प्रक्रिया चल रही है. प्राथमिक शिक्षा के 111 क्लस्टर स्कूलों को भी आधारिक संरचना उपलब्ध करवाई जा रही है.

प्रदेश में शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत एनसीईआरटी और एससीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम का पुनर्निरीक्षण आरम्भ कर दिया गया है. किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में टेलीमेडिसन सुविधा के माध्यम से 21626 रोगियों को लाभान्वित किया गया हैं. सरकार ने प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए 56 प्रकार के नैदानिक परीक्षण निःशुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है. पूर्व में यह टेस्ट चिन्हित 11 श्रेणियों के रोगियों के लिए ही उपलब्ध होते थे. आपातकालीन परिस्थितियों के लिए प्रदेश में 9 ट्रामा सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं.

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