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जयराम सरकार ने 24 घंटों में रोका अफसरों का महंगाई भत्ता, जानिए क्या है कारण - dearness allowance of officers

जयराम सरकार ने 24 घंटों के भीतर अफसरों का महंगाई भत्ता रोक दिया. अब 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ जारी किया जाएगा.

जयराम सरकार
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Published : Sep 23, 2021, 5:24 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाएं (आईएएस, आईपीएस और आईएफएस) के अधिकारियों और पेंशनभोगियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ जारी किया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आईएएस अधिकारियों को जो 11 फीसदी डीए किस्त जारी की गई है. वह अधिसूचना वापस ली जा रही है.

अधिकारियों व कर्मचारियों को एक समान डीए जारी किया जाएगा. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि कर्मचारियों में आईएएस अधिकारियों को अधिक डीए दिए जाने पर रोष शुरू हो गया था. जिसे देखते हुए सरकार ने तुरंत प्रभाव से निर्णय लिया. कर्मचारी संगठनों ने समानांतर बैठक के शुरू कर दी थी. ऐसी तैयारी हो रही थी कि आईएएस अधिकारियों को जो डीए की किस्त जारी की गई इसका खुला विरोध किया जाएगा.

दरअसल प्रदेश सरकार ने बुधवार को केंद्रीय निर्देश पर आईएएस और भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अन्य अधिकारियों के लिए 11 फीसदी डीए(महंगाई भत्ता) जारी करने की अधिसूचना जारी की थी. वहीं, कुछ दिन पहले प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को छह फीसदी डीए देने की अधिसूचना जारी की गई. इससे प्रदेश के करीब पौने तीन लाख कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे थे. सीएम जयराम ठाकुर ने 15 अगस्त को इस संबंध में घोषणा की थी कि प्रदेश के कर्मचारियों को छह फीसदी डीए दिया जाएगा. कर्मचारी उम्मीद कर रहे थे कि जेसीसी बैठक में 11 फीसदी डीए बहाली पर फैसला होगा.

जयराम सरकार ने आईएएस अफसरों को डीए देने की अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी. जिसके तहत डीए 17 प्रतिशत की मौजूदा दर से बढ़ाकर 28 फीसदी किया गया था. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर भी कर्मचारियों को 11 फीसदी डीए बहाल करने की मांग उठा चुके हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में इसको लेकर कर्मचारी अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे.

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवाकाल अवधि को 3 से 2 साल करने और प्रदेश सचिवालय में जेओए (आईटी) की भर्ती न करने और लिपिक के पद पर ही भर्ती करने की मांग की. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को भी अधिकारियों के बराबर डीए की किस्त जारी की जाए.

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