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हिमाचल की करीब 17 हजार बीघा जमीन पर जेएंडके का कब्जा, बना डाली 9.5 किमी लंबी सड़क

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Published : Mar 7, 2022, 7:49 PM IST

राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सदन में बताया कि जेएंडके ने हिमाचल की करीब 17 हजार बीघा जमीन पर कब्जा किया है. लद्दाख और हरियाणा ने भी हिमाचल की भूमि पर अतिक्रमण किया है. इन तीनों मामलों को राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ प्रमुखता से उठाएगी. दरअसल, बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस एमएलए आशा कुमारी ने राजस्व मंत्री से इस पर सवाल किया था.

J&K occupied himachal land
सदन में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

शिमला: जम्मू और कश्मीर ने हिमाचल प्रदेश की करीब 17 हजार बीघा जमीन पर कब्जा (J&K occupied himachal land) किया है. यही नहीं जम्मू और कश्मीर ने प्रदेश की सीमा के भीतर साढ़े नौ किमी लंबी सड़क भी बना डाली है. इसके अलावा कुछ अन्य निर्माण भी जेएंडके ने किए हैं. यह खुलासा हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हुआ. बजट सत्र में प्रश्नकाल (budget session of himachal) के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने इस संदर्भ में सवाल किया था. जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सारे तथ्य सदन में रखे.

राजस्व मंत्री के अनुसार जम्मू कश्मीर सरकार ने हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में सलूणी के भांदल पटवार सर्कल की 16954 बीघा जमीन पर कब्जा किया हुआ है. यही नहीं जेएंडके ने इस जमीन पर साढ़े नौ किलोमीटर लंबी सड़क निर्मित की है और कुछ शैड्स भी बनाए हैं. इसके अलावा पर्यटन विकास के लिए कॉम्प्लेक्स भी स्थापित किया है. मंत्री ने कहा कि अब हिमाचल सरकार इस मुद्दे को गृह मंत्रालय के साथ उठाएगी और इसे नार्थ जोन काउंसिल की बैठक में ले जाएगी. इसके अलावा लाहौल स्पीति के सरचू में लद्दाख का कब्जा है.

सदन में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.

उधर, हरियाणा सरकार ने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के तहत परवाणू के एक हिस्से में कब्जा किया है. इन तीनों मामलों को राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ प्रमुखता से उठाएगी. आशा कुमारी का सवाल था कि कई वर्षों तक हिमाचल को पता ही नहीं चला कि जम्मू-कश्मीर ने चंबा जिले से ताल्लुक रखने वाली हिमाचल की जमीन पर कब्जा किया है. यही नहीं साढ़े नौ किलोमीटर लंबी सड़क निर्मित कर इस पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपनी बुर्जियां लगाई है. क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही खूबसूरत है. इस कार्य पर कब्जा करना गंभीर मसला है.


आशा कुमारी ने जानना चाहा था कि राज्य सरकार इस पर क्या कार्रवाई करेगी. जबकि दोनों जिलों की उपायुक्त की संयुक्त इंस्पेक्शन हो चुकी है. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार अपने भू-भाग पर दोबारा बुर्जियां लगाएगी ? आशा ने सदन में कहा कि 1954 के सेटलमेंट में यह हिमाचल की जमीन अंकित है और सर्वे ऑफ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट हिमाचल के पक्ष में दी है. जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2017 में यह मामला राज्य सरकार के ध्यान में आया.

महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल ने वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक जम्मू कश्मीर के साथ कई बार पत्राचार किया गया. उन्होंने माना कि हिमाचल की जमीन पर न केवल कब्जा किया गया है बल्कि 9.50 किलोमीटर लंबी सड़क का भी निर्माण किया गया है. 10 दिसंबर को 2021 को ज्वाइंट इंस्पेक्शन हुई. इसमें डोडा जिला के उपायुक्त, चंबा जिला के उपायुक्त, राजस्व अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार कोई भी अपना रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाई जबकि हिमाचल के 1951 से लेकर 19858 तक हुए बंदोबस्त रिकॉर्ड फील्ड बुक, शजरा, मिसल आदि सारे दस्तावेज हमारे पक्ष में है. जम्मू कश्मीर में और आगे बढ़कर सड़क के साथ ढांचा भी खड़ा किया है वहां पर अपनी पुलिस पोस्ट स्थापित की है.

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