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शिमला: आइसोलेट किए मरीजों और तीमारदारों ने वार्ड में की तोड़फोड़ - igmc shimla patients break ward

शिमला के आईजीएमसी में आइसोलेट किए हुए मरीजों और तीमारदारों द्वारा वार्ड में तोड़ फोड़ करने को लेकर शिकायत की गई है. आईजीएमसी प्रिंसीपल ने बताया कि आइसोलेट किए गए लोगों ने अस्पताल वार्ड में सरकारी चीजों को काफी नुक्सान पहुंचाया है. प्रिंसीपल ने लोगों से अपील की है कि अस्पताल में मौजूद सभी चीजों को जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करें.

patients vandalized in ward of IGMC
patients vandalized in ward of IGMC

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Published : Aug 24, 2020, 6:44 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी में आइसोलेट किए हुए मरीजों और तीमारदारों द्वारा वार्ड में तोड़ फोड़ करने का मामला सामने आया है. मामले का पता तब लगा जब सोमवार को ई-ब्लॉक को सफाई के लिए खोला गया तो कर्मचारियों के होश उड़ गए. वार्ड के शौचालयों में भी बुरी तरफ तोड़ फोड़ की गई थी.

गौरतलब है की 13 अगस्त को आईजीएमसी में एक मरीज मेडिसिन वार्ड में पॉजिटिव पाया गया था. यह मरीज आईजीएमसी में 3 दिन से दाखिल था, जिसकी बाद में रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. 27 साल का यह युवक जिला सिरमौर का रहने वाला था.

युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के चलते मेडिसिन वार्ड में दाखिल अन्य मरीजों को भी प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर आइसोलेट किया गया था. आइसोलेट होने के चलते इन लोगों ने अस्पताल के वार्ड में तोड़ फोड़ की, जिससे सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. इस दौरान करीब 70 से 80 मरीज व तीमारदारों को आइसोलेट किया गया था.

इसमें मेडिसिन वार्ड के 40 अन्य मरीज भी शामिल थे. एहतियात के तौर पर वार्ड को सील किया गया था. हालांकि अन्य सभी मरीज व तीमारदारों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी व उन्हें दूसरे दिन बाहर निकाल दिया गया था. 14 दिन बीत जाने के बाद जब वार्ड को सोमवार को सफाई के लिए खोला गया, तो वार्ड में लोगों के काम प्रशासन को नजर आए. जिसमें वार्ड को लोगों द्वारा बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया गया था.

यही नहीं लोगों द्वारा अस्पताल के शौचालय में बीड़ी सिगरेट आदि भी फैंके गए थे. वार्ड में इस्तेमाल किया जाने वाले हर सामान की आइसोलेट किए गए लोगों द्वारा तोड़ कर बुरी हालत की गई है. आईजीएमसी प्रिंसीपल डॉक्टर रजनीश पठानिया ने इसकी चर्चा प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम से भी की. वार्ड में कई लोगों को आइसोलेट किए जाने के चलते प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.

आईजीएमसी प्रिंसीपल डॉक्टर रजनीश पठानिया ने बताया कि एक युवक के कोरोना पॉजिटिव आने पर वार्ड को सील कर दिया गया था. इसके साथ ही वार्ड में उपस्थित अन्य मरीज व तीमारदारों को भी आइसोलेट किया गया था. इन लोगों ने अस्पताल वार्ड में सरकारी चीजों को काफी नुक्सान पहुंचाया है.

प्रिंसीपल ने लोगों से अपील की है कि अस्पताल में मौजूद सभी चीजों को जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करें. कोरोना का संक्रमण न फैल सके इसके लिए एहतियात के तौर पर मरीजों को आइसोलेट किया गया था.

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