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शिमला में 16 से 18 जून तक होगा अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव, 15 देशों के 425 से अधिक लेखक लेंगे भाग - International Literature Festival in Shimla

आजादी के अमृत महोत्सव (International Literature Festival in Shimla) के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी द्वारा 16 से 18 जून तक शिमला में अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में भारत सहित 15 देशों के 425 से अधिक लेखक, विद्वान, अनुवादक, फिल्मकार, पत्रकार एवं कलाकार भाग ले रहे हैं, जो 64 कार्यक्रमों में 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे.

International Literature Festival in Shimla
अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव

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Published : Jun 12, 2022, 9:21 AM IST

शिमला:आजादी के अमृत महोत्सव (International Literature Festival in Shimla) के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी द्वारा 16 से 18 जून तक शिमला में अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. गेयटी हेरिटेज संस्कृति परिसर, टाउन हाल और रिज क्षेत्र आदि स्थानों पर आयोजित होने वाले इस साहित्य उत्सव का उद्घाटन सत्र 16 जून 2022 को सुबह 10 बजे गेयटी थियेटर के मुख्य सभागार में होगा, जिसमें संस्कृति राज्य मंत्री भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल एवं मीनाक्षी लेखी और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन उपस्थित रहेंगे.

किसी भी देश का साहित्य वहां की संस्कृति का प्रतिनिधित्व प्रतिबिंबित करता है. ऐसे साहित्यिक महोत्सव के आयोजन से समस्त साहित्यिक रंगों का प्रतिनिधित्व परिलक्षित होता है. इन साहित्यिक महोत्सवों में देश के कई प्रख्यात विद्वान एकत्रित होते हैं, जिससे उस क्षेत्र के कई युवा तथा उभरते लेखकों एवं साहित्य प्रेमियों को अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होते हैं. यही कारण है कि संस्कृति मंत्रालय तथा साहित्य अकादमी द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में भारत सहित 15 देशों के 425 से अधिक लेखक, विद्वान, अनुवादक, फिल्मकार, पत्रकार एवं कलाकार भाग ले रहे हैं, जो 64 कार्यक्रमों में 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे. उन्मेष-अभिव्यक्ति का उत्सव शीर्षक से आयोजित हो रहा यह उत्सव देश का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन है.

इस उत्सव में परिचर्चा, प्रस्तुति, कहानी एवं कविता-पाठ में विविध विषयों पर विचार विमर्श होगा। कुछ मुख्य विषयों के शीर्षक हैं-साहित्य और सिनेमा, विश्व की कालजयी कृतियां और भारतीय लेखन, आदिवासी लेखन, एलजीबीटीक्यू लेखकों का लेखन, मीडिया और साहित्य, भक्ति साहित्य और अनुवाद के माध्यम से सांस्कृतिक एकता आदि. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रत्येक शाम को सोनल मानसिंह द्वारा भरतनाट्यम, पी. जयभास्कर द्वारा ताल वाद्य कचेरी का वादन, नाथूलाल सोलंकी द्वारा नगाड़ा वादन एवं महमूद फारुकी द्वारा दास्तानगोई दास्तान-ए-कर्ण की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण हांग.

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