शिमला: राजधानी शिमला में गेयटी थियेटर (Gaiety Theater Shimla) शुक्रवार से तीन दिवसीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (International Film Festival in shimla ) का आगाज होने जा रहा है. यहां भारत सहित 16 देशों की चुनिंदा 56 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी. साथ ही जाने माने 30 फिल्म निर्देशक भी शिमला में आयोजित किए जा रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भाग लेंगे और अपनी फिल्मों के संदर्भ में सीधे दर्शकों से रूबरू होंगे.
फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ मलयालम शार्ट फिल्म 'ईवा' से होगा. ईवा एक महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी (female traffic police personnel) के जीवनपर आधारित फिल्म है, जिसमें एक कामकाजी महिला के जीवन संघर्ष को दिखाया गया है. फिल्म में नौकरीपेशा महिला के सहकर्मियों की मानसिकता दर्शायी गई है. इसमें बताया गया है कि एक लड़की पढ़-लिखकर नौकरी हासिल तो कर लेती है, लेकिन अगर उसे साथ काम करने वालों का सहयोग नही मिल पाता है तो उसके लिए काफी मुश्किल हो जाती है.
इस साल होने जा रहे सातवें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की अपनी ही अलग ही पहचान बन चुकी है. इसकी खास बात यह है कि जहां इस फिल्म फेस्टिवल में देश व विदेश से नामी दिग्गज निर्देशकों की चुनिंदा व पुरस्कृत फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है तो उसी के साथ क्षेत्रीय सिनेमा को भी बराबर प्राथमिकता दी जाती है. क्षेत्रीय सिनेमा की फिल्मों ने न केवल राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी जगह बनाई है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी हुई हैं.
इस बार इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ शिमला में अहमदाबाद की निदेशक प्रमाती आनंद की 'झट आई बसंत' की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाएगी. हिमाचली एवं हिंदी भाषा में बनी फिल्म 'झट आई बसंत' की शूटिंग धर्मशाला (film shooting in dharamsala) के आसपास के गांव में हुई है. यह फिल्म दो ऐसी लड़कियों की कहानी है जो अलग-अलग पृष्ठभूमि से आती है लेकिन उनमें पितृसत्ता का प्रभाव और उससे संघर्ष उन्हें एक ही कटघरे में खड़ा करता है.