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न्यू पेंशन स्कीम की खामियां दूर करेगा आंतरिक सलाहकार समूह, बैठक में हुआ फैसला

हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम (Demands of NPS employees in Himachal) की खामियां दूर करने के लिए सरकार आंतरिक सलाहकार समूह का गठन करेगी. ये समूह हर तीन महीने में बैठक करेगा और खामियों को दूर करने के लिए सरकार को रिपोर्ट देगा. मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी इस समूह के अध्यक्ष होंगे. सोमवार को प्रदेश सचिवालय में न्यू पेंशन समिति की बैठक के दौरान ये फैसला लिया गया. पढ़ें पूरी खबर...

मुख्य सचिव आरडी धीमान
मुख्य सचिव आरडी धीमान

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Published : Aug 9, 2022, 8:56 AM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम (Demands of NPS employees in Himachal) की खामियां दूर करने के लिए सरकार आंतरिक सलाहकार समूह (इंटरनल एडवाइजरी ग्रुप) का गठन करेगी. मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी (DC Mandi Arindam Chaudhary) इस समूह के अध्यक्ष होंगे. सदस्यों में संबंधित विभागों के अफसरों को शामिल किया जाएगा. यह समूह हर तीन महीने में बैठक करेगा और खामियों को दूर करने के लिए सरकार को रिपोर्ट देगा. यह फैसला सोमवार को प्रदेश सचिवालय में न्यू पेंशन समिति की बैठक में मुख्य सचिव आरडी धीमान (Chief Secretary RD Dhiman) की अध्यक्षता में लिया गया है.

बैठक में अवगत करवाया गया कि वर्ष 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्राप्त होने के उपरान्त प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए केन्द्र सरकार के सेवा नियम लागू किए गए हैं. हिमाचल और अन्य राज्यों ने केन्द्र सरकार की तर्ज पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अपने कर्मचारियों पर लागू की है. उन्होंने कहा कि लगभग एक लाख 15 हजार एनपीएस कर्मचारियों को वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 के उपरांत अनेक लाभ प्रदान किए हैं.

सरकार द्वारा एक अप्रैल 2019 से सरकारी अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया. जिससे एनपीएस कर्मियों को 175 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है. इससे इन कर्मियों को अधिक पेंशन मिलेगी. एनपीएस कर्मचारियों के लिए सरकार 911 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अंशदान देगी जो वर्ष 2017-18 में 260 करोड़ रुपये था. राज्य सरकार द्वारा अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर एनपीएस कर्मियों को भी अब फैमिली पेंशन/इनवेलिड पेंशन की सुविधा वर्ष 2003 से दी गई है.

बैठक में बताया गया कि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2003 से 2017 के बीच छूटे हुए एनपीएस कर्मियों को अन्य कर्मियों की तरह वर्ष 2003 से ग्रेच्युटी का लाभ दिया गया और इस पर 110 करोड़ रुपये व्यय किए गए. प्रदेश में बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ एनपीएस कर्मियों (New Pension Scheme in Himachal) को अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर दिया गया. केन्द्र सरकार ने एनपीएस कर्मियों को आयकर में विभिन्न छूट प्रदान की हैं और अन्तिम निकासी पूर्णतया कर मुक्त कर दी गई है. 40 प्रतिशत एन्युटी परचेज को भी पूर्णतया कर मुक्त कर दिया गया है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि एनपीएस कर्मचारियों (New Pension Scheme) की समस्याओं और मांगों पर सरकार संवेदनशीलता के साथ आवश्यक कार्रवाई करेगी ताकि सभी समस्याओं का उचित समाधान निकाला जा सके. बैठक में यह भी बताया गया कि एनपीएस केन्द्र सरकार द्वारा कार्यान्वित योजना पर आधारित है और भविष्य में केन्द्र की ओर से जब भी इसमें कोई बदलाव होता है तो प्रदेश सरकार भी उसे तत्काल प्रभाव से लागू करेगी.

सदस्यों की ओर से कहा गया कि निवेश, शेयर मार्केट, वर्तमान ट्रेन्ड के भविष्य में सम्भावित प्रतिलाभ इत्यादि के बारे में कर्मचारियों को जानकारी का अभाव रहता है और ऐसे में वे उचित रिटर्न को देखते हुए फण्ड मैनेजर इत्यादि का सही ढंग से चयन नहीं कर पाते हैं. बैठक में सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश कर्मचारी/कामगार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष घनश्याम, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रधान अश्वनी ठाकुर व महासचिव राजेश शर्मा, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर तथा महासचिव भरत शर्मा और वित्त विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे.

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