शिमला: छोटी उम्र में केंद्रीय राजनीति में खास पहचान बनाने वाले अनुराग ठाकुर ने अपने हिमाचल प्रवास के पहले ही दिन एक बड़ी राजनीतिक लकीर खींच दी है. केंद्रीय सूचना-प्रसारण एवं युवा-खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister of Information and Broadcasting and Youth Sports Anurag Thakur) अपनी जन आशीर्वाद यात्रा (jan ashirwad yatra) के सिलसिले में शिमला आए. वीरवार देर रात शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में अनुराग ठाकुर का जोरदार स्वागत हुआ. हिमाचल के प्रवेश द्वार परवाणू से आगे जब उनका काफिला बढ़ा, तभी संकेत मिलना शुरू हो गए थे कि अनुराग ठाकुर कि यह यात्रा बदलती परिस्थितियों में हिमाचल की राजनीति में नए अध्याय की नींव रखने जा रही है.
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) का स्वागत सबसे पहले परवाणू और सोलन में हुआ. वहां कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह एक नए लेवल पर था. शिमला पहुंचने पर यह उत्साह चरम सीमा लांघ गया. इसकी गवाही पीटरहॉफ में लगे नारे दे रहे थे. जैसा हमने पहले जिक्र किया कि अनुराग ठाकुर का हिमाचल प्रवास यहां की राजनीति में नए अध्याय की नींव रखने जैसा है उसके कारणों की पड़ताल आगे की पंक्तियों में करेंगे.
शिमला में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भव्य स्वागत. सबसे पहले पीटरहॉफ के माहौल को समझने का प्रयास करते हैं. अनुराग ठाकुर के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (chief minister jairam thakur) सहित कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया, सुरेश भारद्वाज, सुखराम चौधरी, संगठन मंत्री पवन राणा, भाजपा महामंत्री त्रिलोक जम्वाल मौजूद रहे. किसी भी राजनीतिक घटना का आंकलन करने के लिए राजनेताओं की बॉडी लैंग्वेज को पढ़ना सबसे जरूरी है. स्वागत समारोह के दौरान सबसे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शॉल और टोपी पहनकर स्वागत किया. उसके बाद युवा सेवाएं और खेल मंत्री राकेश पठानिया ने उनका स्वागत किया और फिर कुछ सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों ने भी अनुराग ठाकुर का स्वागत किया. इस दौरान अनुराग ठाकुर के व्यक्तित्व में राजनीतिक परिपक्वता साफ नजर आ रही थी. उनकी बॉडी लैंग्वेज से ये पता चल रहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार में अनुराग ठाकुर की एलिवेशन ऐसे ही नहीं हुई है. क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी प्रबंधन क्षमता साबित करने के साथ-साथ कोरोना काल में वित्त विभाग से जुड़ी जटिलताओं को भी अनुराग ठाकुर ने समझा बदलते दौर में पीएम नरेंद्र मोदी ने उचित ही अनुराग ठाकुर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) के साथ-साथ खेल जगत की जिम्मेदारी दी है.
शिमला में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर. हिमाचल प्रदेश अनुराग ठाकुर का गृह राज्य है. चार लोकसभा सांसदों वाले हिमाचल प्रदेश से निकले एक युवा नेता द्वारा केंद्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाना विलक्षण घटना है. यह सही है कि अनुराग ठाकुर को किसी ना किसी रूप में अपने पिता और 2 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल (Former chief minister prem kumar dhumal) से भी एक पहचान मिली है, लेकिन यह देखना भी दिलचस्प है कि अनुराग अपने नाम के साथ ठाकुर शब्द जोड़ते हैं धूमल नहीं. हिमाचल में इस समय जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार काम कर रही है. नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह (union home minister amit shah) सहित, जेपी नड्डा (BJP national president jp nadda) भी जयराम ठाकुर के साथ सहयोग में खड़े दिखते हैं. यही नहीं विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने जयराम ठाकुर के समर्थन में रैली में कहा था कि भाजपा उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देगी. साथ ही ये भी कहा था कि भाजपा सरकार केवल पांच साल के लिए नहीं बनेगी.
इससे संकेत मिलता है कि भाजपा हाई कमान मुख्यमंत्री पद के लिए अभी भी जयराम ठाकुर को उपयुक्त नेता मानती है. साथ ही जिस तरह से अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय राजनीति में अपना स्थान बनाया है. उससे निकट भविष्य में जल्द ही उनके हिमाचल की राजनीति में आने के आसार फिलहाल कम हैं. यहां हम अनुराग ठाकुर की जन आशीर्वाद यात्रा और उनके जोरदार स्वागत के संदर्भ में संक्षिप्त बात करेंगे. शिमला के बाद बिलासपुर में अनुराग ठाकुर का लीक से हटकर जोरदार स्वागत सारी कहानी कह रहा है.
पीटरहॉफ में अनुराग ठाकुर का सम्बोधन भी उनके आत्म विश्वास को दर्शाता है और स्वागत समारोह के दौरान सहजता से व्यवहार करना उनकी परिपक्वता. जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने जिस तरह अनुराग ठाकुर का स्वागत किया है उससे यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में भाजपा हाई कमान हिमाचल में नेतृत्व के लिए इस युवा चेहरे पर दांव लगा सकती है और तब तक ईमानदार छवि वाले जयराम ठाकुर के लिए भी नई भूमिका तलाशी जा सकती है.
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